प्रशासन उदासीन किसानों, ग्रामीणों की जीविका जीवन संकट में

प्रशासन उदासीन किसानों, ग्रामीणों की जीविका जीवन संकट में

गाजीपुर: अब शासन प्रशासन भी लोगों पर आने वाले संकटों से आंख कान बंद रखने लगे हैं। जन सामान्य की भलाई के दावे केवल कागजों और हवा हवाई हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो अब तक मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बारिश के पानी से हुई बर्बादी और जलजमाव से निजात दिलाने के प्रयास में सक्रियता से जुटा दिखता।
लोगों की परेशानियों और बर्बादी को देखकर सुल्तानपुर के पूर्व प्रधान अविनाश प्रधान ने कहा कि हर वर्ष बारिश के दिनों में दर्जनों गांवों का पानी एकत्रित होकर सुल्तानपुर- कठउत गांव के ताल में आ जाता है।इस वर्ष तो यह अक्टूबर माह में हुआ है।जिससे सैकड़ों एकड़ धान और सब्जी की फसल डूब गई है। गौसपुर, विशेषरपुर,कठउत,धर्मपुरा, चक अब्दुल खैर, सुल्तानपुर, हरिबल्लमपुर आदि गांवों के किसानों की न केवल फसल डूबी हुई है बल्कि रवि सीजन की खेती पर भी संकट है।किसान नेनुआ,लौकी, मिर्च, कोहड़ा, परवल की खेती से कुछ नकदी कमा रहे थे वह भी बर्बाद हो गया।पेड़ों के भी सड़ने और उकठने का खतरा है।जिससे पर्यावरण का संकट पैदा होगा।कुछ लोगों के घरों में भी पानी घुसा हुआ है। जिससे पालतू पशुओं के लिए भी परेशानी है।अनेक पशुपालकों का भूसा तक सड़ गया है।चार प्राथमिक विद्यालय इसी वजह से बंद हैं और ये कब खुलेंगे कोई नहीं जानता। इन सभी परेशानियों के मूल में जल निकासी के परंपरागत नालों को अवरुद्ध किया जाना है।परंपरागत नालों और सरकारी जमीनों से अतिक्रमण शासन प्रशासन हटावा देता तो इसका स्थायी समाधान हो जाता।
ऐसा नहीं है कि इस विभिषिका को प्रशासन के संज्ञान में लाने की कोशिश नहीं हुई है।सुल्तानपुर निवासी धनंजय प्रधान ने ट्विटर से जिलाधिकारी के आफिसियल ट्विटर हैंडल पर कुछ दिन पहले ट्विट किया था।हरिबल्लमपुर निवासी शोभनाथ यादव ने उपजिलाधिकारी मुहम्मदाबाद को प्रार्थना पत्र देकर इस समस्या से निजात दिलाने का निवेदन किया है।
अविनाश प्रधान ने कहा कि समय रहते प्रशासन कार्रवाई करे और स्थिति बिगड़ने से पहले संभाल ले।यदि किसान और ग्रामीण आंदोलन पर उतर गए तो बचाव का कोई रास्ता नहीं मिलेगा।

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