1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 168 वीं वर्षगांठ पर बलियावासियों ने ज्ञात-अज्ञात अमर बलिदानियों का स्मरण कर श्रद्धा के फूल समर्पित किए

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 168 वीं वर्षगांठ पर बलियावासियों ने ज्ञात-अज्ञात अमर बलिदानियों का स्मरण कर श्रद्धा के फूल समर्पित किए
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और जागरूक शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान के तत्वावधान मे आयोजित त्रिदिवसीय लोक नाट्य समारोह मे लोककला विकास और शोध संस्थान वाराणसी के लोक कलाकारों ने बलिया के आदर्श वाटिका तिखमपुर के गार्डेनिया 1में ” गदर बनारस में ” नाटक के माध्यम से 1757 मे बनारस स्टेट के राजा चेतसिंह के सेनानायक नन्हकू सिंह के बलिदान से लेकर 1857 के अमर शहीद मंगल पाण्डे, काशी की बेटी मनु झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, चन्द्रशेखर आजाद और कलम की क्रांति के नायक बाबू शिवप्रसाद गुप्त के पराक्रम बलिदान की प्रस्तुति कर भारतमाता के वीर सपूतों का पौरुष और ब्रिटिश सरकार के दमन को जीवन्त कर दिए।
समारोह का शुभारंभ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाँ. धर्मेन्द्र सिंह , डाॅ.इफ्तखार खाँ और अकादमी की नाट्य सर्वेक्षक अधिकारी शैलजा कान्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अकादमी द्वारा अतिथियों एवं नाट्य निर्देशक डाॅ. अष्टभुजा मिश्रा को स्मृति चिन्ह और तरु भेंट किए गए।
संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ.शिवकुमार सिंह कौशिकेय और आभार जागरूक संस्थान के सचिव अभय सिंह कुशवाहा ने व्यक्त किए।