राम बहादुर राय को पत्रकारिता भूषण पुरस्कार, गाज़ीपुर वासियों में हर्ष

राम बहादुर राय को पत्रकारिता भूषण पुरस्कार, गाज़ीपुर वासियों में हर्ष

गाजीपुर। हिन्दी के सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष तथा न्यूज़ एजेंसी हिंदुस्तान समाचार और उसके प्रकाशनों के समूह संपादक राम बहादुर राय को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ की ओर से पत्रकारिता भूषण पुरस्कार हेतु चयनित किये जाने पर गाजीपुर जनपद वासियों में हर्ष की लहर व्याप्त है। राम बहादुर राय का जन्म 1 जुलाई 1946 को सोनाड़ी गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील अन्तर्गत सोनाड़ी गाँव के भूमिहार परिवार में हुआ था। बीएचयू से अर्थशास्त्र में स्नातक तथा राजस्थान विश्वविद्यालय से जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन सचिव होने के नाते ये जेपी आंदोलन के दौरान छात्र आंदोलन का नेतृत्व किये। इन्होंने पत्रकार के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत हिंदुस्तान समाचार से की। वाराणसी से प्रकाशित हिंदी दैनिक आज के लिए बांग्लादेश लिबरेशन वार का चश्मदीद गवाह लिखे। बाद में दिल्ली चले गए और हिंदी दैनिक जनसत्ता के साथ काम करना शुरू कर दिए। जनसत्ता में उन्होंने ब्यूरो चीफ और समाचार संपादक के रूप में काम किये। थोड़े समय के लिए उन्होंने नवभारत टाइम्स के लिए विशेष संवाददाता के रूप में भी काम किये। वर्तमान में हिंदुस्तान समाचार के समूह संपादक के रूप में कार्यरत हैं। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने राम बहादुर राय को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की कार्यकारी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। श्री राय 1974 में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम मीसा के तहत जेल जाने वाले पहले व्यक्ति थे। इन्हें फिर से 18 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया। राम बहादुर राय को 2015 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। संरक्षक एकीकृत प्रतिभा विकास मिशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के 20 सदस्ययी बोर्ड के अध्यक्ष, माधव राव सप्रे राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार, मानिकचंद बाजपेई राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार, भगवानदास पत्रकारिता पुरस्कार, सत्याग्रही सम्मान, जगतगुरु शंकराचार्य पुरस्कार आदि से भी ये सम्मानित हो चुके हैं।गाजीपुर जनपद के साहित्यकार एवं पत्रकार रामावतार. डा० गजाधर शर्मा गंगेश.विश्वमोहन शर्मा.सूर्यकुमार सिंह.डा०ऋचा राय.इं०संजीव गुप्त. वीरेंद्र पाल.विजय नरायण तिवारी. डा० सानन्द सिंह.पूर्व प्रधानाचार्य नर्वदेश्वर राय.समेत ढेर सारे लोगों ने प्रशन्नता ब्यक्त किया है।

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