ताज पब्लिक स्कूल में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के उपलक्ष्य में एक गोष्ठी का आयोजन

ताज पब्लिक स्कूल में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के उपलक्ष्य में एक गोष्ठी का आयोजन
गाजीपुर जनपद के ताज पब्लिक स्कूल ताजपुर में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के उपलक्ष्य में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में वायु सेना से सेवा निवृत्त विकर्मा सिंह तथा जनता जनार्दन इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाध्यपक नर्बदेश्वर राय जी ने अपने विचार व्यक्त किए।विकर्मा सिंह ने महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा के सही उद्देश्य के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शिक्षा का मतलब सिर्फ़ ज्ञान अर्जन करना नहीं बल्कि मानवता की सही पहचान करते हुए सभी के प्रति अपने नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करना ही असल शिक्षा बताया। उन्होंने 1965 की लड़ाई के अपने अनुभव भी विद्यार्थियों से साझा किया।नर्बदेश्वर राय ने दो महान अनुभूतियों को याद करते हुए उन के सादे जीवन उच्च विचार का उल्लेख किया। गांधी जी के वस्त्र त्यागने से ले कर किसी भी ज़ुल्म के खिलाफ़ अडिग खड़े होने की बात को प्रेरणा स्वरूप लेने को कहा , शास्त्री जी के बारे में उल्लेख करते हुए बताया कि भारत के प्रधानमंत्री होते हुए अपनी पत्नी द्वारा बनाई रोटी खाते थे , जो कार उन्होंने खरीदी वह लोन पर ली, उन के पास इतने भी पैसे नहीं थे। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किस तरह अपनी शिक्षा काल में अकाल के समय शास्त्री जी के आग्रह पर वह और सारे भारतवासी सोमवार को व्रत रखते थे और रात में मोटे अनाज की रोटी खाते थे। उन्होंने बच्चों से यह प्रण लिया कि वह इन महापुरुषों की जीवनी का अध्ययन करें और अपने आप को उन के अनुसार ढालें। प्रधानाचार्य डा० रेयाजुद्दीन अंसारी ने महात्मा गांधी और शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की किस तरह वह श्रावण कुमार और हरिश्चंद्र की कथा से प्रभावित हुए और आगे चल कर सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाए।
विद्यालय के डायरेक्टर डा०मसूद अहमद ने सभी उपस्थित बुद्धिजीवियों ,शिक्षक गण और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा की इस मौसम में भी सभी विद्यालय आए और इतनी महत्वपूर्ण चर्चा का अंग बने। उन्होंने दोनों महान विभूतियों के जीवन की संक्षिप्त चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी महापुरुष के जीवन का अनुसरण कर के अपने जीवन को सफ़ल बनाया जा सकता है। सदैव अपने शरीर के अंगों का उपयोग अच्छे काम और मानवता की सेवा के लिए करें। इस कार्यक्रम में छात्र और छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी का संचालन अखिलेश यादव ने किया और इस कार्यक्रम में आरिफ़ जमाल , शशिकांत सिंह , राधेश्याम यादव, मेहदी हसन, अमित राय, राजमणि वर्मा, धनंजय यादव ,अनंत शर्मा , कविता वर्मा , प्रीति गुप्ता , सरोज पांडे , सरोज देवी , पूजा शर्मा , श्रृष्टि गुप्ता, शाजिया , अस्बा, अक्सा और विद्यालय के छात्र और छात्राएं उपस्थित रहे।