सीमैप ने एरोमा मिशन परियोजना के अंतर्गत साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेव्लपमेंट, वाराणसी को फूलों से निर्मित अगरबत्ती बनाने कीतकनीकि को हस्तांतरित किया

वाराणसी : 07 अगस्त सीएसआईआर- केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ ने फूलों से अगरबत्ती बनाने की तकनीकी को साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेव्लपमेंट, वाराणसी को कल दिनांक 06.08.2021 को हस्तांतरित किया । प्रौद्योगिकी हस्तांतरण अनुबंध पर सीएसआईआर-सीमैप के प्रशासनिक नियंत्रक, श्री भास्कर ज्योति देउरी तथा साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेव्लपमेंट, वाराणसी के प्रमुख डॉ. अजय कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किए । संस्था अगले दो महीनो में वाराणसी के मंदिरों पर चढ़े फूलों से अगरबती तथा कोन का निर्माण शुरू कर अपने ब्रांड का उत्पाद बाजार में उतारेगी ।
मंदिरों मे चढ़े फूलों से निर्मित सुगंधित अगरबत्ती एवं कोन पूर्णतया हर्बल एवं सुगंधित तेलों द्वारा निर्मित होने के कारण इसका शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। इस समझौते पर डॉ. अजय कुमार सिंह एवं सीएसआईआर-सीमैप के प्रशासन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए गये। संस्थान जल्द ही अपनी विनिर्माण सुविधा में उत्पादन शुरू करेगी।
इस अवसर पर साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेव्लपमेंट, वाराणसी के निदेशक डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस तकनीकि के हस्तांतरण से प्रधान मंत्री जी के स्वच्छता अभियान को गति मिलेगी व मंदिरों के चढ़ावे के फूलों से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेगी, साथ में ही संस्थान महिलाओ को फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्हें जागरूक भी करेगी ।
सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इन उत्पादों को सीएसआईआर-सीमैप द्वारा वैज्ञानिक रूप से परीक्षण किया गया है। ये उत्पाद ज्यादातर मंदिर में चढ़े फूलों से तथा सुगंधित तेलों से बने होते हैं और इस संस्थान द्वारा उनके उत्पादन से देश में फूलों की खेती करने वाले किसानों को भी आर्थिक लाभ होगा । इस मौके पर डॉ. रमेश के. श्रीवास्तव, प्रमुख, व्यापार विकास विभाग ने बताया कि इस तकनीक से उत्तर प्रदेश के कई शहरों जैसे गोरखपुर, अयोध्या, बनारस, लखनऊ एवं लखीमपुर में यह कार्य महिलाओं के साथ-साथ जिला कारागार में भी इसके प्रशिक्षण आयोजित कर महिलाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है । इस तकनीकी पर 16.12.2020 को बनारस में साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेव्लपमेंट, वाराणसी में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके फलस्वरूप आज इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किये जा रहा हैं ।
इस अवसर पर साईं इंस्टीट्यूट से रिसर्च डायरेक्टर एस.एम. राजू तथा सीएसआईआर-सीमैप श्री भास्कर देउरी, प्रशासनिक नियंत्रक, डॉ. संजय कुमार, डॉ. राम सुरेश शर्मा आदि भी मौजूद थे ।