खतरे के निशान को छूने को आतुर दिख रही पतित पावनी गंगा

खतरे के निशान को छूने को आतुर दिख रही पतित पावनी गंगा
छह सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में हो रही वृद्धि, डूबी घाट की सिढ़ियां
गाजीपुर। पतित पावनी द्वारा लोगों के दिल की धड़कनों को तेज और कम करने का सिलसिला जारी है। जलस्तर में घटाव और बढ़ाव का क्रम जारी है। बीते दिनों घटते हुए एक तरफ जहां मां गंगा ने लोगों को राहत दिया था, वहीं फिर से इनका दायरा बढ़ने से खासकर तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के दिल की धड़कन बाढ़ की आशंका से बढ़ने लगी है। बीते गुरुवार की सुबह से छह सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि जारी है। गंगा खतरे के निशान से करीब 50 सेंमी नीचे बह रही हैं। अनुमान लगाया जा रहा है, जलवृद्धि नहीं थमी तो शनिवार को पतित पावनी खतरे के निशान को पार कर जाएंगी।
मालूम हो कि बीते एक अगस्त से छह सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में बढ़ाव शुरू हुआ था। बढ़ाव का यह क्रम थमने की बजाय बढ़ गया। दो अगस्त को 12 सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। इससे बाढ़ का संभावना प्रबल हो गई। लेकिन इसी बीच चार अगस्त को पतित पावनी ने कुछ राहत दिया और एक सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में कमी होने लगी। इससे राहत की सास लेते हुए लोग यह कयास लगाने लगे कि अब मां गंगा अपने स्थान पर लौट जाएगी। लेकिन फिर से बीते गुरुवार की सुबह छह सेंमी मीटर प्रति की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि होने लगी, जो लगातार जारी है। शुक्रवार की सुबह 10 बजे 62.460 और 11 बजे 62.520 सेंमी वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी हसनैन ने बताया कि जलस्तर में लगातार बृद्धि हो ही है। गंगा खतरे के निशान से लगभग 50 सेंमी नीचे बह रही है। अनुमान है कि यदि जलस्तर में इसी तरह से बढ़ोत्तरी होता रहा तो शनिवार को गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएंगी। उधर उफानी गंगा को देख तटर्वती इलाकों के लोगों को बाढ़ का आशंका सताने लगी है। शहर अधिकांश गंगा घाटों की सिढ़ियां डूब गई है। जलस्तर इसी तरह से बढ़ता रहा तो गंगा किनारे के नीचले गांव के साथ ही नाला के माध्यम नगर के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी घुस सकता है। गंगा में बढ़ाव से छोटी नदियां भी उफनाने लगी है।