बैठक में तल्ख रहा डीएम गाजीपुर का तेवर, कइयों का वेतन रोकने का दिया निर्देश

 

गाजीपुर। जिलाधिकारी एमपी सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को राइफल क्लब सभागार में 37 बिंदु, विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालय निर्माण में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले सचिवो को आज, बैठक के दिन से आने वाले गुरुवार के बाद पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य में अब जितने भी दिन विलम्ब होगा, संबंधित सचिव का उतने दिन तक का वेतन रोका जाएगा। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी से पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालय के पूर्ण एवं अधूरे निर्माण कार्यों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कहा कि जितने भी निर्माण पूर्ण होते है, उसकी जीओ टैगिंग अवश्य कराई जाए।
डीएम ने कि जिन-जिन ग्राम पंचायतों में बजट उपलब्ध होने के बावजूद भी व्यय नहीं किया जा रहा है, उस पर कार्यवाही का निर्देश दिया। उन्होंने हैंडपम्प री-बोर के सत्यापन के संबंध में जानकारी लेते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक माह सचिव, रोजगार सेवक, सफाई कर्मचारियों के माध्यम से सत्यापन कराते हुए जहां-जहां हैंडपम्प खराब स्थिति में है, उसे सही कराया जाए। डीएम ने कहा कि माह जुलाई की मासिक समीक्षा के दौरान गाजीपुर पेयजल योजना शहरी क्षेत्र का स्थानांतरण नगरपालिका को किए जाने के लिए निर्देश दिया गया था, लेकिन जल निगम द्वारा अभी तक स्थानांतरण न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित जल निगम के सहायक अभियंता के.एस. मिश्रा का वेतन रोकने का निर्देश दिया। बैठक में पीएमजेएसवाई की समीक्षा के दौरान सहायक अभियंता पारसनाथ प्रजापति द्वारा प्रतिभाग न करने के कारण शासन की योजना की समीक्षा नहीं की जा सकी। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उनका एक दिन वेतन काटने का निर्देश दिया। जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी द्वारा बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने तथा बैठक में उपस्थित न होने के कारण वेतन काटने का निर्देश दिया। नहरो में टेल तक पानी पहुंचाए जाने के संबंध में जानकारी लेते हुए नहरों में प्रत्येक दशा में टेल तक पानी पहुंचाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने समस्त सरकारी विभागों से अपेक्षा किया कि जिन-जिन विभागों का विद्युत बिल बकाया है, वह बिल का भुगतान कर दें तथा धनराशि उपलब्ध न होने पर पत्राचार कर बजट मंगाए। जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि जिन तहसीलों में अभी तक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का अवस्थापना नहीं हुआ है, वहां जल्द से जल्द दुकानों का अवस्थापना करा लिया जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जिन-जिन पशुओं का अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है, उनका टीकाकरण कराया जाए। जनपद में जितने भी निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र है, उसे जल्द से जल्द पूरा करते हुए विद्युत कनेक्शन कराया जाए। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। इसकी समीक्षा शासन स्तर से की जाती है। उन्होंने विभागो द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के दौरान सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक दशा में किसानों/आम जनमानस को मिले, इसके लिए प्रचार-प्रसार कराते हुए योजनाओं की जानकारी दिए जाने का निर्देश दिया। डीएम ने गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। कहा कि जब तक बाढ़ की सम्भावना है, तब तक कोई भी अधिकारी बिना अनुमति जनपद छोड़कर नहीं जाएगा। जनपद में 240 स्थानों पर रेड जोन घोषित है। उन रेड जोन स्थानों पर बाढ़ चौकियां स्थापित की जाएगी तथा बाढ़ चौकियों पर आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। अधिकारी इन क्षेत्रों में खाने-पीने, दवा, पशुओं के चारा, पानी की सम्पूर्ण व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए अलर्ट मोड में रहेंगे। जिलाधिकारी ने चिकित्सा, समाज कल्याण, दिव्यांग, प्रोबेशन, जलनिगम, बेसिक शिक्षा, विद्युत, सहकारिता, बाल विकास, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर विकास, डूडा, मनरेगा, उद्यान, कौशल विकास आदि विभागों द्वारा कराई जा रही शासन की योजनाओं के विभिन्न कार्यों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता, जिला विकास अधिकारी भूषण कुमार, परियोजना निदेशक बाल गोविंद, समाज कल्याण अधिकारी रामविलास यादव, डी.एस.ओ. कुमार निर्मलेंदू, अधिशासी अभियंता विद्युत, अधिशासी अधिकारी नगर पलिका एवं अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

About Post Author