डा. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर सपाइयों ने दी श्रद्धांजलि

डा. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर सपाइयों ने दी श्रद्धांजलि

गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष रामधारी यादव की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय समता भवन पर देश के समाजवादी पुरोधा रहे, समाजवादी विचारक एवं चिन्तक ,स्वतंत्रता-संग्राम के प्रमुख सेनानी, अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले तथा भारत में गैर कांग्रेस वाद के शिल्पी रहे डॉ राम मनोहर लोहिया जी की पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व सभी कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश में समता मूलक समाज बनाने एवं आज की राजनीति में बढ़ रहे कुरीतियों एवं कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित कर लोहिया जी को याद करते हुए कहा कि एक लोहिया जी थे जो केरल में किसानों पर हुए गोलीचार्ज के खिलाफ अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गये थे और इतना तंग किया कि मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था और इसके विपरीत एक वर्तमान भाजपा की सरकार है जो लखीमपुर में हुए किसानों के संहार के दोषियों को बचाने में लगी हुई है और अपने एक मंत्री का इस्तीफा नहीं ले पा रही है । उन्होंने कहा कि आज देश के वर्तमान राजनैतिक दौर में जब जातिवाद और सम्प्रदायवाद चरम सीमा पर है , जब जातिवाद और साम्प्रदायिकता का नंगा नाच हो रहा हो ऐसे दौर में डा. लोहिया जी पुनः प्रासंगिक हो उठे हैं । डॉ लोहिया ने जाति तोड़ो समाज जोड़ो का नारा दिया था लेकिन आज जाति तोड़ने के बजाय जाति जोड़ने की ही मुहिम चलाने में ज्यादा लोग मशगूल हैं। उन्होंने कहा कि डॉ लोहिया जी सामाजिक न्याय की लड़ाई के महान योद्धा थे । सामाजिक न्याय की वकालत करते हुए लोहिया जी ने”संसोपा ने बांधी गांठ -सौ में पिछड़े पांवें साठ” का नारा दिया था । इस देश के समाजवादी आंदोलन का मुख्य सार ही सामाजिक न्याय रहा है । समाजवादी आंदोलन के सभी नेताओं ने चाहे वह बड़ी जाति के रहे हो या पिछड़ी जाति के सभी ने इस देश के सभी गरीबों और पिछड़ों को विशेष सुविधा प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ाने की वकालत की थी । लोहिया जी का सपना था कि देश से जाति प्रथा समाप्त कर ऐसा समाज बनाया जाय जिसमें सभी को सामाजिक और आर्थिक समानता प्राप्त हो। डॉ लोहिया देश में अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन के प्रणेता थे, वह इस मुद्दे पर बेबाक राय रखते थे, स्वभाषा (हिंदी) उनके लिए कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं था, वह इसके सहारे देश के लाखों करोड़ों लोगों को हीन ग्रंथि से उबारकर उनके अन्दर स्वाभिमान भरने का सपना था। डॉ लोहिया न केवल गंभीर चिंतक थे बल्कि वह सच्चे कर्मवीर थे । डॉ लोहिया ही थे जो राजनीति में शुचिता और शुद्ध आचरण की बात करते थे । आज राजनीति में जाति,धर्म, पूंजी,बाहुबल,के बढ़ते दखल से भी राजनीति का रास्ता काफी टेढ़ा मेढ़ा हो गया है । आज हम सभी को डॉ लोहिया जी को याद करते हुए राजनीति में शुचिता स्थापित करने के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेने की जरूरत है । यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस गोष्ठी में मुख्य रूप से रामवृक्ष यादव, पूर्व मंत्री सुधीर यादव,,निजामुद्दीन खां, सदानंद यादव, हुकूम यादव,केसरी यादव, रामवचन यादव,अरुण कुमार श्रीवास्तव, गोपाल यादव , अशोक बिंद,आत्मा यादव, सुनील यादव,रामाशीष यादव,रामनगीना यादव,विजय शंकर यादव, धर्मदेव यादव,यशपाल यादव, मुन्नीलाल राजभर,चन्द्रिका यादव,राजकिशोर यादव,अजय सेन, आशा यादव, सुशीला गोड़ ,हरवंश यादव, द्वारिका यादव,सतिराम यादव,कमला यादव, विभा पाल, रविन्द्र यादव,बैजू यादव, राजेश यादव,बाला यादव,लड्डन खां, आदित्य यादव, राजेश गोड़, इस गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया।

About Post Author