सम्मान व सहयोग ही मनुष्य के जीवात्मा की भूख-प्यास

गाजीपुर : लंका मैदान रविवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा आयोजित 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव के अंतिम दिन हजारों श्रद्धालुओं से भरा हुआ था। कुडों पर बैठीं महिलाएं भक्ति में रस में डूबी हुईं आध्यात्मिक ऊर्जा का आत्मसात करते हुए, यज्ञ हवन की पूर्णाहुति कीं। राजकुमार ने बताया कि सम्मान और सहयोग ही मनुष्य की जीवात्मा की भूख-प्यास है, अगर आप उनको खरीदना चाहते हैं, तो यह विश्वास कीजिए कि जो समाज के प्रति आप के दायित्व हैं, जो कर्तव्य हैं, वह निभाते हुए खुशी पूर्वक जीवन जी रहे हैं या नहीं। रविद्र शास्त्री जी ने कहा कि यज्ञपुरुष परमात्मा ही है। उसके चरणों में अपने को संविधा की भांति समर्पित कर देने से अपना स्वरूप भी वैसे ही यज्ञ में हो जाता है जैसे हवन की अग्नि में पड़ी हुई संविधा तथा सामग्री अग्नि रूप हो जाती है। कार्यक्रम के दौरान 50 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार, 200 माताओं भाइयों ने गुरु दीक्षा, दो माताओं का पुंसवन संस्कार, 10 बच्चों का जनेऊ संस्कार एवं जन्मदिवस संस्कार भी मनाए गए। विभु का यज्ञोपवीत संस्कार भी वैदिक कर्मकांड से कराए गए। कार्यक्रम के बाद टोली की विदाई अश्रु भरे नैनो से की गई। तत्पश्चात भोजन प्रसाद देकर श्रद्धालुओं की भी विदाई की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुरेंद्र सिंह, त्रिलोकीनाथ पांडेय, माधुरी सिंह, क्षितिज श्रीवास्तव, प्रतिभा ठाकुर, प्रज्ञा, प्रगति सिंह, राहुल सिंह, प्रवीण राय, राम सिंह, अविनाश, ओम नारायण राय, ममता सिंह, प्रेम तारा तिवारी का सराहनीय योगदान रहा।

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *