मोदी-योगी की सरकार ने ब्रिटानी हुकूमत को भी कर दिया है शर्मिंदाःडा. वीरेंद्र लखीमपुर घटना से गुस्से में सपाई, पुलिस से धक्का-मुक्की के बाद किया प्रदर्शन

मोदी-योगी की सरकार ने ब्रिटानी हुकूमत को भी कर दिया है शर्मिंदाःडा. वीरेंद्र

लखीमपुर घटना से गुस्से में सपाई, पुलिस से धक्का-मुक्की के बाद किया प्रदर्शन

गाजीपुर। लखीमपुर में आंदोलन किसानों को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा द्वारा गाड़ी से रौंदने और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सोमवार की सुबह गिरफ्तार किए जाने को लेकर सपा नेताओं-कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त हो गया। उन्होंने आस्तीन चढ़ाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन शुरु करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। इस दौरान नेताओं-कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी झड़प के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।

इस मौके पर जंगीपुर विधायक डा. वीरेंद्र यादव ने कल लखीमपुर में हुए किसानों के नरसंहार पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि देश और प्रदेश की मोदी और योगी की सरकार ने ब्रिटानी हुकूमत को भी शर्मिंदा कर दिया है। कहा कि इस सरकार में लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है। योगी सरकार पूरी तरह से दमन पर उतारू हैं। यह सरकार लाठी, गोली और डंडे के बल पर किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। योगी जी की ठोकों नीति के चलते किसानों को गाड़ी से रौंदा जा रहा है।

यह सरकार पूरी तरह से गुंडागर्दी के रास्ते पर चल रही है। योगी जी और भाजपा के मंत्री गुंडो की भाषा बोल रहे हैं। यह सरकार लोकतंत्र और संविधान का माखौल उड़ा रही है। विधायक ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बर्खास्त करने, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा व उसके सहयोगियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर उनको तत्काल गिरफ्तार करने, इस घटना में मारे गए किसानों को एक-एक करोड़ रुपए और घायल किसानों को दस-दस लाख रुपए की तत्काल आर्थिक मदद और तीनों काले कृषि कानूनों का तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग किया। जिलाध्यक्ष रामधारी यादव ने कहा कि भाजपा सरकार आंदोलनरत किसानों को कभी आतंकवादी, कभी चंदाजीवी बताकर लगातार उन्हें अपमानित करने का काम कर रही है। किसानों को गाड़ी से रौंदा जाना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है।

यह सरकार किसानों के आंदोलन से घबड़ाकर उनकी हत्या करने पर उतारू हो गई हैं। अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। पूंजीपतियों के इशारे पर योगी सरकार यह घिनौना और अमानवीय खेल, खेल रही है। अंत में राज्यपाल को सम्बोधित पांच सूत्री पत्रक एडीएम अरुण सिंह को सौंपा। उधर पार्टी कार्यालय समता भवन से उतरकर जैसे ही जिलाध्यक्ष रामधारी यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय की ओर बढ़े, पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें रोकने में पूरी तरह असफल रही। जिलाधिकारी कार्यालय के मुख्य गेट पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने इंकलाबी नारा बुलंद करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश को तत्काल रिहा करने की मांग किया। विरोध प्रदर्शन में पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा,

सुदर्शन यादव, सुधीर यादव, डा. नन्हकू यादव, महेंद्र चौहान, गोपाल यादव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, दिनेश यादव, रामवचन यादव, सत्येन्द्र यादव सत्या, डा. समीर सिंह, ओपी यादव, अभिषेक यादव, विवेक सिंह शम्मी, अरविंद यादव, अजीत, अमित ठाकुर, अहमर जमाल, जवाहिर यादव, कन्हैयालाल विश्वकर्मा,अमित सिंह लालू, विनोद पाल, सदानंद कन्नौजिया, तहसीन अहमद, चन्द्रिका यादव, राकेश यादव, अभिनव सिंह, रविन्द्र यादव, सूरज राम बागी, भानू यादव, परशुराम बिंद, आमिर अली, जगत मोहन बिंद, नन्दलाल यादव, कमलेश यादव, राहुल सिंह, अजय श्रीवास्तव, चन्द्रेश्वर यादव पप्पू, आत्मा यादव, नन्हें, विजय बहादुर यादव, दिनेश यादव, छन्नू यादव, मटरू पहलवान, ओमकार यादव, विभा पाल, रीना यादव, नितिल यादव, आरिफ खान, सतपाल यादव, संदीप यादव, पप्पू यादव, बृजदेव खरवार, द्वारिका यादव आदि उपस्थित थे। संचालन जिला महामंत्री अशोक कुमार बिंद किया।

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