*आज हमें तकनीकी शिक्षा पढ़ाए जाने के पद्धति पर भी पुनर्विचार करने की आवश्यकता है-संजय राय शेरपुरिया*

*आज हमें तकनीकी शिक्षा पढ़ाए जाने के पद्धति पर भी पुनर्विचार करने की आवश्यकता है-संजय राय शेरपुरिया*

रोटरी क्लब कानपुर एलीट की तरफ से आयोजित ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं युवा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के चीफ मेंटर श्री संजय सिर पुरिया ने हिस्सा लिया।यह आयोजन 3 अक्टूबर को आयोजित हुआ।

अपने वक्तव्य में संजय राय ने कहा कि भारत में 65 करोड़ युवा हैं। देश की अर्थव्यवस्था तीन ट्रेनियल की है ।जिसे, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री 5 ट्रिलियन का बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहें है। इस लक्ष्य को पाने में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की क्या भूमिका होगी ।इसको लेकर बृहद रूप से काम करने की आवश्यकता है। श्री राय ने यह भी कहा कि सोशल एंटरप्रेन्योरशिप या सामाजिक उद्यमिता अपने आप में महत्वपूर्ण विषय है। गुजरात में यह बड़े ही अच्छे तरीके से लागू हो रहा है। यही वजह है कि देश के पांच आर्थिक रूप से विकसित राज्यों में से एक गुजरात भी है। श्री राय ने कहा कि आबादी और पशुपालन के लिहाज से उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में कहीं आगे हैं। लेकिन प्रतिभा पलायन के कारण उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय जीडीपी के सूचकांक में 28 में स्थान पर आता है। यहां के प्रतिभाशाली लोग अन्य जगहों पर जाकर अपने हुनर के जरिए अलग-अलग सेक्टर को समृद्ध कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मवेशियों को पाले जाने के बाद भी प्रतिदिन 100 ट्रक दूध गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया जाता है। इसकी मूल वजह दूध उद्योगों में उचित प्रबन्ध की कमी है।श्री राय ने कहा कि आज हमें तकनीकी शिक्षा पढ़ाए जाने के पद्धति पर भी पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर पूर्वांचल के बहुत सारे पॉलिटेक्निक और आईटीआई में बॉयलर टेक्नीशियन की पढ़ाई करायी जाती है।यह पढ़ाई बदलते टेक्नोलॉजी के साथ प्रयोग के साथ बेमानी हो चुकी है। ऐसे में इस तरह की पढ़ाई कर युवा भला रोजगार कैसे पाएंगे।

गाजीपुर की जीडीपी 18 हज़ार करोड़ है।लेकिन,फिर भी वहां उद्यमिता की कमी है।एक लाख 69 हज़ार युवाओं को फाउंडेशन ने अपने साथ पिछले दिनों जोड़ा हैं।गाजीपुर में जनवरी तक फाउंडेशन ने 1 हज़ार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है।अंत में श्री संजय राय ने कानपुर के उद्यमियों का आह्वान करते हुए गाजीपुर में निवेश करने के लिए निवेदन किया।उन्होंने कहा कि निवेशकों को हर संभव मदद यूथ रूरल एंटरप्रेन्योरशिप फाउंडेशन की तरह से दिया जाएगा। ऐसा करके प्रतिभा पलायन को रोकने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सभी का योगदान दर्ज किया जाना संभव हो पाएगा।

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