एक स्वस्थ व्यक्ति ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है- प्रो0आनन्द सिंह चित्त की चंचलता का शांत हो जाना ही योग है

एक स्वस्थ व्यक्ति ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है- प्रो0आनन्द सिंह
चित्त की चंचलता का शांत हो जाना ही योग है
गाज़ीपुर। सत्यदेव डिग्री कॉलेज गाधिपुरम, बोरसिया, फदनपुर, गाजीपुर में शिक्षा संकाय में अध्ययनरत बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर के छात्र/ छात्राओं के योग प्रशिक्षण के लिए योग शिविर का आयोजन किया गया था, जिसके उपलक्ष्य में शिविर के पांचवें और अंतिम दिन समापन समारोह का आयोजन किया गया । योग शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के मुख्य प्रबंध निदेशक प्रोफेसर आनंद सिंह तथा सत्यदेव डिग्री कॉलेज के निदेशक अमित सिंह रघुवंशी उपस्थित रहे । समापन समारोह के अवसर पर शिक्षा संकाय की तरफ से कृष्ण कांत तिवारी ने माल्यार्पण करके समस्त अतिथियों का स्वागत किया । मुख्य प्रबंध निदेशक तथा निदेशक अमित सिंह रघुवंशी ने पतंजलि योगपीठ के योगाचार्य बृजभूषण को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । स्वागत सम्मान के पश्चात समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर आनंद सिंह ने वक्तव्य में महर्षि पतंजलि के सूत्र से ही अपना वाक्य प्रारंभ किया और बोलते हुए कहा-“अथ योग: अनुशासन:” अर्थात आओ योग प्रारंभ करें तत्पश्चात महर्षि पतंजलि के द्वितीय सूत्र “योग: चित्र वृत्ति निरोध:”अर्थात चित्त वृत्तियों का निरुद्ध हो जाना, चित्त की चंचलता का शांत हो जाना ही योग है.आगे उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जो मनीषी थे ज्ञान के पुरोधा थे उन लोगों ने स्व को खोजने का प्रयत्न किया । उन्होंने अपने पूरे जीवन को खुद को जानने में बिताया। जब व्यक्ति को खुद के बारे में ज्ञान हो जाता है,जब उसे पता चलता है कि वह केवल एक पंच भूत की रचना मात्र नहीं है बल्कि इस ब्रह्मांड का वह सूक्ष्म कण है, जिससे पूरी सृष्टि का संचालन होता है। तब वह प्रज्ञावान हो जाता है । उन्होंने बताया कि जब हम अपने को जानने का प्रयास करते हैं तब हम इस योग की प्रक्रिया में तन-मन से कब स्वस्थ हो जाते हैं पता ही नहीं चलता । एक शिक्षक के रूप में यह और जरूरी हो जाता है की हमारा तन मन पूर्ण रूप से स्वस्थ रहे क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है । उन्होंने योगाचार्य से अनुरोध भी किया कि आप प्रत्येक वर्ष इसी तरह इस महाविद्यालय में आकर हम सबको योग से लाभान्वित कराते रहें । पतंजलि योगपीठ के योगाचार्य श्री बृजमोहन जी ने योग शिविर के समापन पर समस्त छात्र/छात्राओं को देव तुल्य बताया और यह विश्वास जताया कि आप जहां भी रहे अपने इस देवतुल्य आचरण का ही प्रदर्शन करें, जिससे समाज और भी सुंदर निर्मित हो सके। कार्यक्रम के अंत में सत्यदेव डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ राम चंद्र दूबे ने योगाचार्य एवं समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया और यह विश्वास दिलाया की हम सब लोग मिलकर इस संस्था को और आगे तक ले जाएंगे । इस कार्यक्रम का संचालन श्याम कुमार जी ने किया । इस अवसर पर शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्षा श्रीमती स्मिता सहाय, सर्वेश सिंह, तथा समस्त शिक्षक गण उपस्थित रहे।