पीजी कालेज के उपाध्यक्ष से लेकर राज्यमंत्री तक का सफर डॉ. संगीता बलवंत का रहा संघर्षमय

पीजी कालेज के उपाध्यक्ष से लेकर राज्यमंत्री तक का सफर डॉ. संगीता बलवंत का रहा संघर्षमय
गाजीपुर। पीजी कालेज के उपाध्यक्ष से लेकर योगी के मंत्रिमंडल तक का सफर डॉ. संगीता बलवंत के लिए बड़ा संघर्षमय रहा। संगीता बलवंत छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रही हैं. वह गाजीपुर पीजी कॉलेज में छात्रसंघ उपाध्यक्ष निर्वाचित हुईं. वर्ष 2017 में विधायक बनने से पहले संगीता गाजीपुर जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। गाजीपुर पीजी कालेज से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने यूपी कालेज, वाराणसी से एलएलबी किया है. यही नहीं उन्होंने पीएचडी की उपाधि भी हासिल की है. फिलहाल उनके मंत्री बनने की खबर से उनके परिवार लोग खुश नजर आ रहे हैं। करंडा ब्लाक के बड़सरा गांव निवासी पोस्टमैन रामसूरत की बेटी विधायक डॉ. संगीता बलवंत का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है. छात्र जीवन से ही वह राजनीति में जुड़ी रहीं. लु्र्दस कांवेन्ट बालिका इंटर कालेज से इंटरमीडिएट करने के बाद राजकीय महिला महाविद्यालय को न चुनकर उन्होंने स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रवेश लिया. 1997 में पीजी कालेज से छात्रसंघ का चुनाव लड़ा, जिसमें 2272 मत पाकर उपाध्यक्ष चुनी गईं। इसके बाद राजनीति में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2005 में सदर तृतीय से जिला पंचायत का चुनाव लड़ीं और रिकार्डतोड़ 6600 मत पाकर जीत दर्ज की। इसके बाद राजनीति में उनके सितारे बुलंद होते गए और वर्ष 2017 में सदर विधानसभा भाजपा के टिकट पर विधायक चुनी गईं. संघर्षों की बदौलत ही उन्हें नेशनल वीमेन वेलफेयर दिल्ली में प्रदेश के प्रतिनिधित्व करने का उन्हें मौका मिला. उन्हें महिला आयोग समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 20 फरवरी 2020 को दिल्ली के विज्ञान भवन में उन्हें आदर्श युवा विधायक सम्मान से सम्मानित किया गया। इस वर्ष यह सम्मान पाने वाली डॉ. संगीता प्रदेश में इकलौती विधायक थीं। डॉ. संगीता बलवंत का जन्म गाजीपुर में हुआ. इनके पिता स्व. रामसूरत बिंद रिटायर्ड पोस्टमैन थे. छात्र जीवन से ही उनको राजनीति का शौक रहा है. इसके साथ-साथ उन्हें पढ़ाई और कविता का बहुत शौक रहा. इनका विवाह स्थानीय ज़मानियां कस्बा में डॉ. अवधेश से हुआ है, जो पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं. डॉ. संगीता बिंद (ओबीसी) जाति से आती हैं और पूर्वांचल में ये वोट बैंक काफी संख्या में है. ये जमानियां क्षेत्र से निर्दल जिला पंचायत सदस्य रही हैं। भारतीय जनता पार्टी से इनका जुड़ाव 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ. मनोज सिन्हा की करीबी मानी जाने वाली डा० संगीता बलवंत को 2017 में वर्तमान एलजी के प्रयासों से ही टिकट मिला और ये गाजीपुर, सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान विधायक हैं और क्षेत्र में लोकप्रिय भी हैं.