ग्रामीणों ने बचाई कईयों की जान

ग्रामीणों ने बचाई कईयों की जान
गाजीपुर। एक तरफ गंगा नदी काफी उफान पर है तो दूसरी तरफ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी भयभीत है। यहां तक की गंगा के बढ़ते जल स्तर के चलते जहां पशुओं का निवाला छिन गया है। तो वही कई मार्ग भी आवागमन के लिए प्रतिबंधित हो गए हैं। लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते या चोरी चुपके जो लोग उस मार्ग से आवागमन करने का प्रयास कर रहे हैं, वह जोखिम भरा यात्रा कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं गाजीपुर से बलिया मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर स्थित कठवामोंड की पुलिया इस बार बाढ के पानी में पूरी तरह से डूब चुकी है। और आवागमन प्रतिबंधित हो गया है, जब इस पुलिया से आवागमन प्रतिबंधित हो गया तो उसके बाद राहगीर मार्ग को ढूंढने का प्रयास किए, और बोरशिया चौरही के अलावा अन्य गांव को होते हुए लोग आवागमन करने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन बीती रात गंगा का जलस्तर इस कदर बढ गया की उस पुलिया से भी आवागमन प्रतिबंधित हो गया। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी, वहां पर कोई पुलिस प्रशासन आवागमन रोकने के लिए मौजूद नहीं था। जिसका नतीजा था कि कई लोग उस पुलिया से आने जाने का प्रयास करते रहे.जिससे एक बडा हादसा होते-होते बच गई। शुक्र है ग्रामीणों का जिन्होंने बड़ी हादसा होने से रोक लिया मामला कुछ यूं था। जैसे ही एक ऑटो रिक्शा जलमग्न पुलिया से क्राश कर रहा था तब तक वह गड्ढे में जा फंसा संजोग इतना अच्छा था। कहां पर काफी संख्या में ग्रामीण युवक मौजूद थे। और ऑटो को पलटन एसे बचा दिया जिसकी वजह से उस् में यात्रा करने वाले सवार सभी लोग सुरक्षित बाहर निकले और ग्रामीणों ने ऑटो रिक्शा को जलमग्न पुलिया से बाहर निकाला। और किसी तरह उसमे सवार लोग अपने गंतव्य मार्ग तक पहुंचे लेकिन सच्चाई तो यही है कि यदि ग्रामीण नहीं रहे होते तो एक बड़ी हादसा हो सकती थी। इसमें कहीं ना कहीं जिला प्रशासन और शासन की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। क्योंकि जब रात मे ही पुलिया के ऊपर से पानी बहने लगा तो वहां किसी न किसी सक्षम अधिकारी या कर्मचारी व पुलिस विभाग के लोगों की तैनाती होना चहीए थी, जिसका न होना लोगों को खल रहा था। यदि तैनाती रहती तो लोग सचेत हो जाते और आवागमन नहीं करते। लेकिन ग्रामीणों ने एक बड़ी हादसा होने से बचा लिया ऐसे में उन युवकों ने जितनी भी जिंदगी या बचाएं हैं उसके लिए सबके दिल से एक बार दुआ ही निकलेगी।