राजधानी में विद्वानों के बीच डा. सानंद सिंह ने गाजीपुर का नाम किया रोशन मुंशी प्रेमचंद के कथा के पात्रों में अपना चेहरा देखता है आज का नौजवान-सानंद

गाजीपुर। मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर लखनऊ में एक प्रणाम मुंशी प्रेमचंद के नाम विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी थे, और मुख्य वक्ता डा. सानंद सिंह थे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता डा. सानंद सिंह ने कहा कि साहित्य राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है। राजनीति में सेवा मुख्य भाव होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि राजनीति सत्तामुखी हो गयी है। राजनेताओं का एक मात्र लक्ष्य सत्ता प्राप्त करना है। सरकारें बदलती हैं, लेकिन प्राथमिकताएं नही बदलती है। राजनीति में साहित्य रोशनी देती है। श्री सिंह ने कहा कि आओ फिर जुम्मन अलगू की बात करें, प्रेमचंद हिंदी उर्दू की बात करें, रंग भूमि गोदान-गबन की चर्चा कर ईदगाह, अमृत जादू की बात करें।। 21 जुलाई को विश्व के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद को हृदय से प्रणाम। उनकी परम्परा चिंतन के चिंतकों को प्रणाम, डा. सानंद सिंह ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद के कहानियों के आज भी पात्र कहीं न कहीं समाज में जिंदा हैं। जो आधुनिक भारत को आईना दिखाते है। उन्होने कहा कि मुंशी प्रेमचंद के पात्रों में आम इंसान अपना चेहरा देखता है। उन्होने कहा कि मुंशी प्रेमचंद के बताये हुए रास्ते पर चलकर समाज के बीच खाई को समाप्त कर एक नये समाज की रचना करना ही उनके प्रति असली श्रद्धांजलि होगी।