तबाही मचाने को आतुर दिखाई दे रही गंगा

गाजीपुर। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी का क्रम जारी है। नगर के तमाम इलाकों के साथ ही तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सड़कों के साथ ही सैकड़ों मकान-दुकान बाढ़ के पानी से घर गए है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जहां कुछ लोग दुश्वारी के बीच मकानों में रह रहे हैं। वहीं तमाम लोग मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों की शरण लिए हुए हैं। बाढ़ को लेकर प्रशासन एलर्ट हो गया है।
अधिकारी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। प्रशासन के साथ ही समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों की तरफ से राहत सामग्री वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया है। बाढ़ पीड़ित पतित पावनी से प्रार्थना कर रहे हैं कि वह अपने स्थान पर लौटते हुए हम लोगों को राहत प्रदान करें।
पिछले कई दिनों से गंगा में बढ़ाव का सिलसिला जारी है। जिले की तमाम सड़कों के साथ ही दर्जनों गांव पानी से घिर गए है। सड़कों पर पानी होने से लोगों को संपर्क टूट गया है। रेवतीपुर, गहमर, करंडा, जमानिया, शेरपुर सहित जिले के तमाम तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
सैकड़ों घर पानी से घिर गए है। बाढ़ की वजह से पशुओं के लिए चारा का संकट खड़ा हो गया है। तमाम लोग जहां पानी के बीच घरों में परेशानियों के बीच किसी तरह से रह रहे हैं। वहीं अधिकांश लोग मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर डेरा डाले हुए है। बाढ़ को प्रकोप को देखते हुए प्रशासन भी एलर्ट हो गया है।
अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थित का जायजा लेते हुए संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
प्रशासन के साथ ही समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों के लोगों द्वारा पीड़ितों में राहत सामग्री वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शहर के स्टीमरघाट, खुदाईपुरा, नखास, तुलसिया का पुल, बंधवा, शास्त्रीनगर सहित जिलाधिकारी आवास परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया है।
नगर के श्मशान घाट पर भी मां गंगा का कब्जा हो गया है। शवों का अंतिम बाहर किया जा रहा है। गंगा के प्रकोप से पीड़ितों के आंखों के आंसू छलकने लगा हैं। वह गंगा की लहरों की तरफ निहारते हुए पतित पावनी से यह प्रार्थना कर रहे हैं कि अब वह अपने स्थान की तरफ लौटते हुए हम लोगों को राहत प्रदान करें।
केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी हसनैन ने बताया कि आधा सेंमी मीटर प्रति घंटा से बढ़ाव जारी है। दिन में दो बजे 64.610 दर्ज किया गया। अभी भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।