जल जीव जंतुओं के लिए ईश्वर का उपहार है,इसका व्यवसाय नहीं होना चाहिए – फादर पी विक्टर

आज दिनांक 22 मार्च 2021 को सेंटजॉन्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर में अंतरराष्ट्रीय जल दिवस मनाया गया।इस अवसर पर जल संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाई गई।अपने उद्बोधन में प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने कहा कि जल,वायु आदि मानव के लिए प्रभु का उपहार है।प्रभु के द्वारा प्रदत्त इस उपहार का हमें सम्मान करना चाहिए।ईश्वर ने सभी जीव जंतुओं के लिए निःशुल्क जल प्रदान किया है अतः इसका व्यवसायीकरण नहीं करना चाहिए।आज दुनिया के अनेक देश तथा अपने ही देश मे अनेक राज्य पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।यदि हम सचेत नहीं हुए तो हमें भी जल संकट का सामना करना पड़ेगा।इसके अतिरिक्त प्रधानाचार्य ने 20 मार्च को मनाये जाने वाले गौरेया दिवस एवं 21 मार्च को मनाया जानेवाला अंतरराष्ट्रीय वन दिवस पर भी प्रकाश डाला।प्रधानाचार्य फादर विक्टर ने बताया कि गौरेया के संरक्षण के लिए विद्यालय में घोंसले बनाए गए हैं ताकि गौरेया संरक्षण हो सके।घरों के आँगन में चहकने वाली गौरेया की चहक में कमी दुःखद है।पेड़ पौधों के अभाव में गौरेया संरक्षण कपोल कल्पना मात्र है।अतः इनके संरक्षण से पूर्व हमें वृक्षारोपण करना होगा।धरती पर न्यूनतम 34 प्रतिशत वन होना चाहिए जबकि अपने देश मे यह 24 प्रतिशत के आसपास है जो दुःखद है।उत्तर प्रदेश में तो यह 20 प्रतिशत से भी कम है।मानव ईश्वर की सबसे बुद्धिमान रचना है अतः मानव पर जल,वायु,वृक्ष आदि के संरक्षण की जिम्मेदारी है।इस अवसर पर सिस्टर निकोलस, प्रेमशंकर यादव,नीरज मिश्र,अरविंद मिश्र,प्रवीण उपाध्याय, रवि राम प्रसाद ,समीना फारूकी,नीलम मिश्र,प्रियंका श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।