मिशन 2022 के लिए डा० सानन्द सिंह ने शुरू की कवायद, गाजीपुर का सियासी पारा गरम

गाजीपुर। समाजवादी राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वालें डा० सानन्द सिंह ने मिशन 2022 के लिए कवायद शुरू कर दी है। डा० सानन्द सिंह ने शुक्रवार को पार्टी जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष रामधारी यादव से जहूराबाद विधानसभा और सदर विधानसभा के टिकट के आवेदन के लिए नोड्यूज लिया है। डा० सानन्द के नोड्यूज लेते ही पूरे जिले की राजनीति का सियासी पारा गरम हो गया, क्योंकि डा० सानन्द सिंह समाजवादी पार्टी में एक अलग पहचान रखते है। 2007 के विधानसभा चुनाव में जहूराबाद क्षेत्र में विरोधी दलो के चार ठाकुर प्रत्याशी होने पर भी बसपा से कांटे की टक्कर में बहुत ही कम मतों से पराजित हुए, इसके बाद विधान परिषद के चुनाव में मात्र 67 वोटो से पराजित हो गये। निकाय विधान परिषद के चुनाव में डा० सानन्द सिंह ने अपने राजनीति के कर्मठता का जिले के सामने एक नजीर प्रस्तुत किया। चुनाव के दौरान निकाय चुनाव में महारथी अंसारी बंधुओ और पार्टी के अंर्तकलह के चलते मात्र 67 मतो से पराजित हुए। पराजय के बाद भी डा० सानन्द सिंह ने गाजीपुर के राजनीति का अखाड़ा नही छोड़ा और लगातार अभ्यास करते रहें, लेकिन इस बार पूरी तैयारी में चुनाव लड़ने की कवायद शुरू कर दी है। सदर विधानसभा में यादव और मुसलमान मतदाता के बाद राजपूतो की संख्या किंगमेकर की है। सदर और करंडा ब्लाक में राजपूतो की संख्या ज्यादे है। डा० सानन्द सिंह की परिवारिक पृष्ठ भूमि शिक्षा और राजनीति से है। इनके पिता कर्मयोगी सत्यदेव सिंह जाने माने शिक्षाविद् और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, डा. राममनोहर लोहिया के नजदीकी थे। डा०सानन्द सिंह खुद बलिया में सतीशचंद्र महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर है और गाजीपुर में स्थित सत्यदेव ग्रुप ऑफ कालेजेज के चेयरमैन भी है। डा० सानन्द सिंह का लगाव शहीदो व पर्यावरण से भी है। शहीदो के सम्मान व पर्यावरण की रक्षा के लिए सत्यदेव ग्रुप ऑफ कालेजेज के तत्वावधान मे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साइकिल रैली निकालकर जागरूकता का संदेश दिये। कर्मयोगी सत्यदेव सिंह की स्मृति में आज भी सैंकड़ो छात्र-छात्राएं चाहे वह पालिटेक्निक की हो या डिग्री कालेज की हो या बीएड-बीटीसी की हो या पैरामेडिकल कालेज की हो उन गरीब बच्चो को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। समय-समय पर गाजीपुर के प्रतिभावान एवं विद्वानजनों का सम्मान करते रहते है जिससे बुद्धजीवीयों में इनकी एक अलग पहचान है। डा० सानन्द सिंह ने टिकट के लिए कवायद शुरू कर दिया है अब देखना है कि आने वाले समय में समाजवादी पार्टी का हाईकमान क्या निर्णय लेता है।
