संसार की इच्छा को भगवद् इच्छा में रूपांतरित करना ही पुरुष का पुरुषार्थ है-फलाहारी बाबा

संसार की इच्छा को भगवद् इच्छा में रूपांतरित करना ही पुरुष का पुरुषार्थ है-फलाहारी बाबा

छप्पन भोग का विशेष आयोजन

गाजीपुर जनपद के बाराचवर में शिव मंदिर के पास अमृत सरोवर के तट पर आयोजित ग्यारह दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या नगरी से पधारे मानस मर्मज्ञ भागवतवेत्ता श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री शिव राम दास जी उपाख्य फलाहारी बाबा ने अपने मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा रूपी अमृत वर्षा करते हुए उपस्थित श्रोताओं से कहा की
जो पवित्र ना हो अविद्या हो आसक्ति हो उसी का नाम पुतना है। जिसका विचार कृष्ण नहीं कंस से मिलता हो। जो कंस के प्रेरणा से प्रेरित होकर व्यवहार करती हो उसी का नाम पुतना है। अविद्या रूपी पुतना को देखकर भगवान कृष्ण ने आंखें बंद कर ली। फलाहारी बाबा ने कहा की नेत्र सबको नहीं दिया जाता है। पुतना के जलने पर एक दिव्य प्रकार का सुगंध आया ईश्वर जिसको स्पर्श कर दे उसके जीवन के सारे दुर्गंध समाप्त हो जाते हैं। गीता के अनुसार ज्ञान जैसा पवित्र कोई चीज नहीं है किंतु ज्ञान जब व्यवहार में उतरता है तो और शोभायमान हो जाता है। व्याख्याएं पराई होती है व्यवहार और अनुभव ही अपना होता है। फलाहारी बाबा ने कहा कीज्ञप्राय: व्यक्ति का जीवन खाओ पियो मौज करो तक ही सीमित होकर रह गया है। यदि जीवन भगवान को समर्पित हो जाए तो भोग भी प्रसादिक बन जाता है। भोजन करने के पहले भगवान को अर्पित करके प्रसाद बनाकर यदि पाया जाए तो बुद्धि दुर्बुद्धि नहीं सद्बुद्धि हो जाती है। इच्छा को मारना नहीं मोड़ना है। संसार की इच्छा को भगवद् इच्छा में रूपांतरित करना ही पुरुष का पुरुषार्थ है। भगवान कृष्ण के जीवन में पांच नियम थे 11 वर्ष तक बाल नहीं कटाऊंगा।सिला वस्त्र नहीं पहनुंगा, शस्त्र नहीं उठाऊंगा, चप्पल जूता नहीं पहनूंगा और ब्रज के बाहर नहीं जाऊंगा। भगवान सतयुग में शुक्ल वर्ण में त्रेता में रक्त वर्ण तथा द्वापर में श्याम वर्ण में धरा धाम पर आतें हैं।गोपी पिबति भक्ति रसम् इति गोपी:। उन्होंने गोपी शब्द की व्याख्या करते हुए कहा की जो भक्ति रस का पान करती है उसी का नाम गोपी है। इंद्रियों के समूह को ही गोकुल कहते हैं। गोपायति श्रीकृष्णं स्व हृदय या सा गोपी:। जो कृष्ण को हृदय में छुपा कर रखती हो उसी का नाम गोपी है। कृष्ण का अवतार गाय गोपी और गीता के लिए ही हुआ। कथा में पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि बाराचवर कौशल सिंह ने मंच से पूज्य श्री का आशीर्वाद लिया। कथा में छप्पन भोग का भी शानदार आयोजन किया गया था।

 


कथा में सुप्रसिद्ध गायक रिंकू रसिया ने एक से बढ़ कर एक भजनों की शानदार प्रस्तुति कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।व्यास पूजन संजय राय के द्वारा एवं पूजन का कार्य आचार्य सन्तोष दिक्षित एवं युवा संत बालक दास के द्वारा सम्पन्न कराया गया। कथा में कौशल सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि,चतुर्भुज सिंह,देवेन्द्र सिंह प्रमुख प्रतिनिधि, यशवंत सिंह,प्रसून सिंह, अभिषेक सिंह मिंटू ,ओपी सिंह,रमेश सिंह का,दीपक सिंह, संजय पाण्डेय, मुकेश गिरी, दयानंद कुशवाहा,सत्यम सेठ, बृजेश शर्मा, मयंक सिंह, सुनील कनौजिया,राजा राम पाण्डेय ,सियाराम शरण सिंह, विष्णु देव पाण्डेय, मनीष सिंह, गौतम सिंह, अनंत सिंह, दामोदर सेठ, गुलाब कमलापुरी,शिवाजीत यादव, सुनील कुमार अयोध्या समेत भारी संख्या में पुरुष एवं महिलाएं उपस्थित रहीं।

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