*बहुत गौर से सुन रहा था जमाना। तुम्ही सो गये दासतां कहते कहते*, स्व०कृष्णानन्द राय विधायक की 18 वी पुण्यतिथि पर विशेष

*बहुत गौर से सुन रहा था जमाना। तुम्ही सो गये दासतां कहते कहते*
*स्व०कृष्णानन्द राय विधायक की 18 वी पुण्यतिथि पर विशेष*
29 नवम्बर 2005 का वह मनहूस काला दिन जिसे आज तक मुहम्मदाबाद बिधान सभा क्षेत्र समेत गाजीपुर
बलिया वाराणसी समेत पुरे पुर्वाञ्चल उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग नहीं भुल पाये ।भांवर कोल ब्लाक के बसनिया चट्टी के पास मुहम्मदाबाद के तत्कालीन भाजपा बिधायक स्व.कृष्णानन्द राय की एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद अपने पैतृक गांव गोंडउर वापस आते समय रास्ते मे सुनियोजित तरिके से घात लगाकर पहले से तैयार बैठे अपराधियों द्वारा अचानक उनके गाड़ी पर हमला करके उनकी हत्या कर दी गयी थी।इस अन्धाधुन्ध गोली बारी में बिधायक कृष्णा नन्द राय के साथ मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्यामा शंकर राय .भांवरकोल ब्लाक के भाजपा के मंडल अध्यक्ष रमेश राय .अखिलेश राय.शेष नाथ पटेल.मुन्ना यादव एवम निर्भय नारायण उपाध्याय की मौत हो गयी थी।बिधायक कृष्णा नन्द राय समेत सात लोगों की हत्या से पूरा जनपद थर्रा उठा था।बिधायक कृष्णा नन्द राय की उनके सहयोगियों के साथ हत्या से पूरे प्रदेश में हडकम्प मच गया था। एक सप्ताह तक गाजीपुर जनपद के साथ ही पूरे पूर्वांचल में आगजनी तोड़ फोड एवम आन्दोलनों का दौर चलता रहा।हर चेहरे पर दर्द और हर आंखो में गुस्सा दिखाई दे रहा था।नजीर बनारसी के शब्द याद आ रहे है। फुलों के साथ कलियों का भी मन उदास है। माली चला गया तो गुलशन उदास है।भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपने पार्टी के मजबूत सहयोगी जन जन के प्रिय नेता बिधायक स्व. कृष्णा नन्द राय के बलिदान को याद रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 29 नवम्बर को शहादत दिवस के रूप मे मनाने का निर्णय लिया गया। तब से आज तक 29 नवम्बर को स्व. कृष्णा नन्द बिधायक एवम उनके साथ शहीद हुवे सहयोगियों को याद करने के लिये बसनिया मे एवम मुहम्मदाबाद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है। स्व. कृष्णा नन्द राय बिधायक एवम उनके साथियों की याद में भांवरकोल ब्लाक के बसनिया चट्टी के पास एक शहीद स्तम्भ का भी निर्माण कराया गया है।जहां पर 29 नवम्बर को जात पात धर्म मजहब से परे दल पार्टी को दरकिनार कर लोग श्रद्धांजलि अर्पित करते है।