एम बी ए दूधवाला कॉर्पोरेट दुनिया को ना बोल माटी से जुड़ा गाजीपुर का लाल, कइयों को दे रहा रोजगार

एम बी ए दूधवाला, चौंक गए न आप भी सुनकर। सवाल आपके मन में भी आया होगा कि आखिर मैनेजमेंट की पढ़ाई करके लोग कॉर्पोरेट दुनिया की चकाचौंध की तरफ जाते हैं, दूधवाला कौन बनता है? इसका जवाब यही है कि अपनी मिट्टी से प्यार करने वाला चाहे जो पढ़ाई कर ले, आखिर में सेवा माटी की ही करता है। ऐसे ही हैं गाजीपुर के सिद्धार्थ सेवार्थ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल की आपदा को अवसर में बदलने की बात कही थी, गाजीपुर के लाल ने इसे कर दिखाया।
शुद्ध दूध को बाटलिंग से किया सुरक्षित. घर घर पहुंचाई मिल्क इम्युनिटी की खुराक

जिस समय कोरोना महामारी की शुरुआत हुई उस समय हर लोगों का घर से बाहर निकलना बंद हो गया। लोग बाहर का खुला खाना खाने से परहेज़ करने लगे। ऐसे समय में एमबीए दूधवाले यानी सिद्धार्थ एक नए आइडिया के साथ मार्केट में उतरे। लोगों को उनके घर तक बॉटल में सील बंद गाय का शुद्ध दूध उपलब्ध कराया जाने लगा। रोज सुबह मास्क पहने हुए डिलिवरी बॉय शीशे की साफ़ सुथरी बॉटल में दूध भर घर-घर लोगों तक पहुंचाने लगे। महामारी के दौरान लोगों को शुद्धता और सुरक्षा दोनों मिलने लगी, तो तेज़ी से ग्राहक भी बढ़ने लगे। इम्युनिटी बढ़ाने वाले दूध ने कोरोना से लड़ाई में लोगों की मदद भी की।

फैलाया कारोबार. आसपास के गांवो से भी ले रहे है दूध
जब डिमांड बढ़ी तो सिद्धार्थ ने इस लाभ को दूसरों तक पहुंचाने की भी कोशिश की। अच्छे रेट देकर खुरपी नेचर विलेज के आसपास के गांव के लोगों से दूध ख़रीदना शुरू कर दिया। अब सुबह का और शाम का भी दूध किसान लाकर सिद्धार्थ के पास बेचने लगे। सिद्धार्थ ने बताया की कुछ ऐसे भी लोग थे जो बाहर कमाते थे और अब उन्होंने हमारे साथ मिलकर अपने घर पर पशु ख़रीद लिए हैं, जिसका दूध वह हमें बेच देते हैं। सिद्धार्थ ने लोगों की पशु ख़रीदने में सहायता भी की है। सिद्धार्थ किसानों को पशुओं के चारे से लेकर दवाई और सिमन तक की जानकारी उपलब्ध करवाते हैं ।
बत्तख पालन के लिए भी किया प्रेरित

सिद्धार्थ ने कुछ लोगों को बतख़ पालन का भी काम शुरू करवाया है और खुद भी बतख़ पाली है। बतख पालने वालों को अंडों के लिए बाजार खोजने की जद्दोजहद से बचाने के लिए सिद्धार्थ खुद बड़े पैमाने पर इन अंडों को खरीद लेते हैं। फिर उनकी पैकिंग कर बेचा जाता है। इससे कृषकों तक भी अच्छा मुनाफा पहुंचता है।

सामाजिक दायित्व को किया पूरा
समाज से पाना और समाज में ही लगाना सिद्धार्थ सेवार्थ का यही जीवन ध्येय है। पूरे लॉकडाउन के दौरान सिद्धार्थ सेवार्थ की टीम ने जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाया। जितने किसान थे सभी की सहायता की कई परिवारों की जिम्मेदारी उठाई जो आज भी जारी है। आज सिद्धार्थ गाजीपुर में ग्रामीण रोज़गार को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। इनके सहयोग से कृषकों की आमदनी बढ़ रही है और उनका जीवन स्तर भी ऊपर उठ रहा है।