बलिया पुलिस मणि मंजरी राय केस के अपराधियों को बचाने का प्रयास न करे-राजीव राय

सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता राजीव राय ने कहा की मणी मंजरी राय केस में 8 तारीख़ को बलिया पुलिस के चेहरे से नक़ाब उतर गया।बलिया पुलिस किस तरह बेशर्मी से अपराधियों को बचाने में लगी है इसका उदाहरण यही है कि
सार्वजनिक रूप से परिवार द्वारा और मेरे प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह कहने के बावजूद कि अभियुक्तों की अग्रिम ज़मानत याचिका 8 सितंबर को लगा है,और पुलिस इसलिए ढिलाई कर रही है कि आरोपियो को ज़मानत मिल जाये।
पुलिस ने जान बुझ कर कोर्ट में रिपोर्ट ही दाखिल नहीं किया,जिससे कि आरोपियों की ज़मानत की राह आसान हो जाये।मणि मंजरी राय मामले में एक आरोपी विनोद सिंह की ज़मानत इसी तरह चुपके से 3 सितंबर को ही करवा दिये थे।
पुलिस और आरोपी दोनों ये मान कर चल रहे थे कि उसी आधार पर सबकी ज़मानत आज हो जाएगा,
लेकिन पुलिस की मानसिकता भाँपते हुये हम लोगों ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में ज़ोरदार विरोध किया। अदालत ने भी माना कि यह गंभीर विषय है, और विनोद सिंह कि ज़मानत भी निरस्त की जा सकती है। सुनवाई की अगली तारीख़ 11 सितंबर निश्चित किया गया है उससे पहले पुलिस रिपोर्ट भी माँगा है!
राजीव राय का सीधा सवाल पुलिस से
बलिया पुलिस किस दबाव में इतने निचले स्तर पर जाकर आरोपियो को बचाने के लिए नंगा नाच कर कर रही है?

परिवार द्वारा बार बार आग्रह करने और पूर्ण जानकारी के बावजूद अग्रिम ज़मानत तक पुलिस ने रिपोर्ट केस दाखिल नहीं किया?
राजीव राय ने कहा की 11 सितंबर को अगली तारीख़ तक भी अगर पुलिस यही गंदा खेल खेली तो हम पुलिस के ख़िलाफ़ महिला आयोग,मानवाधिकार आयोग सहित सभी मंचों पर शिकायत करेंगे, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी डालेंगे साथ ही सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.

सपा नेता ने कहा की बलिया पुलिस अपने राजनैतिक आकाओ के दबाव से बाहर आकर अगर न्याय का साथ नहीं दिया तो बहुत सारे अधिकारियों को भी न्याय पालिका में जबाब देना पड़ेगा और परिणाम भुगतना पड़ेगा।बलिया पुलिस इस भ्रम में ना रहे कि कुछ दिन बाद मणि मंजरी राय का मामला ठंडा पड़ जायेगा.
राजीव राय ने साफ साफ शब्दों में कहा की मै एक बार फिर से बलिया पुलिस को चेतावनी देता हूँ कि अपराधियों को बचाने का प्रयास ना करे।