विश्व पर्यावरण दिवस पर डालिम्स सनबीम एवं सरजू राय मेमोरियल पी जी कालेज गांधीनगर में पौधारोपण एवं पौधा वितरण

विकास राय-विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर डालिम्स सनबीम गांधीनगर एवं सरज़ू राय मेमोरियल पी०जी० कालेज गांधीनगर के प्रांगण मे पौधारोपण एवं पौधों का वितरण किया गया।इस अवसर पर उपस्थित
सभी लोगों ने प्रण लिया की वो एक पौधा लगाएँगे एवं उसका नियमित ख़्याल रखेंगे ।
छात्रों ने भी अपने घरों पर पौधारोपण कर के एवं अपने आस पास लोगों को इसके लिए जागरुक करके इस कार्यक्रम मे भाग लिया।इस मौके पर हर्ष राय ने कहा की जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। अमूमन सभी मज़हबों में पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है।हर्ष राय ने कहा की भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल को कृष्ण का माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं, जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं।

हर्ष राय ने कहा की यह हैरत और अफ़सोस की ही बात है कि जिस देश में, समाज में पेड़-पौधों को पूजने की प्रथा रही है, अब उसी देश में, उसी समाज में पेड़ कम हो रहे हैं। बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा। बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटा जा रहा है। नतीजतन जंगल ख़त्म हो रहे हैं। देश में वन क्षेत्रफल 19.2 फ़ीसद है, जो बहुत ही कम है। इससे पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया है। घटते वन क्षेत्र को राष्ट्रीय लक्ष्य 33.3 फ़ीसद के स्तर पर लाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाने होंगे। साथ ही ख़ुशनुमा बात यह भी है कि अब जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आ रही है। लोग अब पेड़-पौधों की अहमियत को समझने लगे है।हम सभी भी अपने लिए अपने बाद की पीढियों के लिए हर हालत में पौधारोपण करें एवं उसकी देखभाल कर के उसे बृक्ष बनने में सहयोग प्रदान करे।इस अवसर पर प्रिंस राय.अमित राय.विनोद शर्मा. दिवाकर पाण्डेय. मुकेश समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।