मन्दिरों के कपाट खुलने की खबर आते ही फूल की खेती करने वाले किसानों की जगी आशा की किरण।
फूल के खेतो की निराई करने पहुंचे बैरवन में किसानों के खेतों में पहुँचकर महिला किसानों को जूस देकर महिला नेत्री श्वेता राय ने उनका हौसला अफजाई किया

विकास राय वाराणसी-आज लाकडाऊन में भारी ढील के साथ 8 जून से मन्दिरों के कपाट खुलने की खबर आते ही किसानों में उम्मीद की किरण जग गयी और खुशी से खेतों में पहुँचकर महिला किसान फूल पत्ती देवी, मंजू देवी, चम्पा एवं राजेश्वरी निराई करने लगी । फूल की खेती और बागवानी में राजातालाब तहसील का बैरवन गाँव जहाँ फूल की खेती का अन्तराष्ट्रीय व्यापार होता है उस गाँव की फूल की खेती करने वाली प्रगतिशील महिला किसानो को खेतो में प्रबोधिनी फाउण्डेशन की उपाध्यक्ष श्वेता राय ने पहुंचकर मैंगो जूस एवं मास्क वितरित कर उनका हौसला अफजाई किया और भरोसा दिलाया कि लाकडाऊन में बरबाद हुई फूल की फसल का उचित मुआवजा दिलवाने हेतु पूरी इमानदारी से पहल कर मुआवजा दिलवायेगी ।

श्वेता राय ने कहा कि विश्व की सास्कृतिक राजधानी काशी मन्दिरों का शहर है यहाँ प्रतिदिन हजारों टन फूल माला पूजा अनुष्ठान एवं धार्मिक आयोजनों में लगते थे जिससे बनारस में दसों हजार किसान फूलों की खेती करते हैं लेकिन कोरोना महामारी के से बचने हेतु लगे लम्बा लाकडाऊन से बनारस के फूलों की खेती करने वाले छोटे किसानों पर भारी संकट आ गया है आज सरकार की गाईड लाईन में आठ जून से सोशलडिस्टेन्सिग सहित सावधानी के साथ के साथ मन्दिरों के कपाट खुलने और पूजा अर्चना होने की खबर से किसानों में खुशी है।
