पुजारी के बेटे ने यूपीएससी में हासिल किया 133 वां रैंक

पुजारी के बेटे ने यूपीएससी में हासिल किया 133 वां रैंक
गाजीपुर के मुहम्मदाबाद के रहने वाले किशलय कुशवाहा ने यूपीएसी की परीक्षा में सफलता हासिल की है।उनका पूरे देशभर में 133वां रैंक है। बता दें कि किशलय के पिता एक मंदिर में पुजारी है।
गाजीपुर: जिले के मुहम्मदाबाद तहसील के शैव टोला के रहने वाले किशलय कुशवाहा ने यूपीएससी की ओर से आयोजित होने वाली आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल की है. उन्होंने 133वां रैंक हासिल किया है। बता दें कि किशलय के पिता पेशे से पुजारी और माता गृहणी है। किशलय की उपलब्धि से उनके घर में खुशी का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, किशलय के पिता शाहनिंदा हनुमान मंदिर में पुजारी हैं। जब वह 2 वर्ष के थे, तो उनके पिता ने सांसारिक जीवन से त्याग कर सन्यास धारण कर लिया था। अगर बात करें किशलय के शिक्षा की, तो उन्होंने कक्षा 8 तक की पढ़ाई मुहम्मदाबाद में ही पूरी की. इसके बाद उनके माता-पिता ने उनका दाखिला वाराणसी के एक प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल में करा दिया।यहां से उन्होंने 12वीं पास की और आगे की पढ़ाई के लिए कोटा चले गए।
कोटा में उन्होंने इंजीनियरिंग की तैयारी की और आईआईटी दिल्ली में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ट्रेड से बीटेक में दाखिला लिया. इंजीनियरिंग स्नातक होने के बाद उन्होंने एनटीपीसी में नौकरी शुरू कर दी. साथ ही साथ वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारियों में जुट गए.
2017 में पहली बार दी यूपीएससी की परीक्षा: किशलय ने 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठे थे. लेकिन वह प्रिलिमिनरी एग्जाम भी पास नहीं कर पाए. इसके बाद उन्होंने 2018 में यूपीएससी की परीक्षा दी और इंटरव्यू में जाकर असफल हो गए. इसी तरह वे 2019 में भी असफल रहे. किशलय ने लगातार हो रही असफलता को अपनी कमजोरी का कारण नहीं बनने दिया और अगली परीक्षा के लिए दुगुनी मेहनत शुरू की.वर्ष 2020 के यूपीएससी परीक्षा में किशलय को 526 वां रैंक हासिल हुआ था,लेकिन किशलय इससे संतुष्ट नहीं थे।
किशलय ने एक इंटरव्यू में बताया है कि वह आईआईटी से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट होने के बाद किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर सकते थे. लेकिन आईएएस की नौकरी उन्हें बहुत डायनेमिक लगती है. इसमें सोशल प्रेस्टीज के साथ-साथ सीखने और जानने के लिए बहुत कुछ है. इस वजह से उनकी हमेशा से ख्वाहिश थी कि वह आईएएस बनें।