जान हथेली पर लेकर इस पीपा पुल से गुजरते है लोग
जान हथेली पर लेकर इस पीपा पुल से गुजरते है लोग
गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील अंतर्गत गंगा नदी पर बनाए गए बच्छलपुर-रामपुर पीपा पुल इस साल शुरुआती दौर से ही लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। जर्जर लकड़ियां और स्लीपर, रेलिंग विहीन, टेढ़े मेढ़े और खतरनाक लोहे की चादरों से बना यह पीपा पुल यात्रियों के लिए हादसे का सबब बना हुआ है। पहले तो यह समय बीतने के करीब चार माह बाद किसी तरह से पुल शुरु हुआ और अब शुरु भी हुआ है तो निर्माण में इतनी अनदेखी की गई है कि इस पर से गुजरते समय लोगों की जान हथेली पर रहती है। इस पुल पर बिछाई गई लोहे की चादरों से टकराकर रोजाना लोग घायल हो रहे हैं। सबसे दयनीय दशा दो पहिया वाहन चालकों की है।
बच्छलपुर-रामपुर पीपा पुल
पीपा पुलों के शुरु होने का समय शासन की ओर से 15 अक्टूबर निर्धारित की गई है। इस बार इस पुल के चालू कराने में खूब हीलाहवाली की गई। पीपा की कमी तथा अन्य बहानों की वजह से देरी होती गई और चालू होते होते फरवरी हो गया। इस बार पुल भी ठीक से नहीं बना है तथा बहुत सी कमियां है। बच्छलपुर गांव के पास पुल की तरफ की पक्की सड़क के पास बना गड्ढा भी रोज एक दो दुर्घटना में इजाफा कर रही है। पुल की लकड़ी बेहद जर्जर हो गए है। स्लीपर की कमी को पूरा करने के लिए काफी पतली-पतली बल्ली का उपयोग किया गया है।
पुल के रेलिग का भी पूरा निर्माण नहीं कराया जा सका है। जहां रेलिग निर्माण किया गया है, उसमें दो की जगह एक लोहे का तार लगाया गया है। इस पर से जब वाहन गुजरते है तो पूरा पुल हिलता है। चालक जरा भी असंतुलित हुए तो रेलिंग नही होने के कारण वह गंगा में समा सकते है। लोहे की चादरों का हिस्सा उपर उठ कर खतरनाक हो गया है जिससे वाहन टकराते रहते है। चादरों को जोड़ने के लिए हुक भी नहीं लगाया गया है। जानकारी के बाद भी विभाग के लोग उदासीन बने हुए है।