सद्गुरु नानक परगटया मिटी धुंध जग चानण होआ… : गुरुद्वारों पर आस्था की कतार, लंगर छक कर गुरु की महिमा का बखान

सद्गुरु नानक परगटया मिटी धुंध जग चानण होआ… : गुरुद्वारों पर आस्था की कतार, लंगर छक कर गुरु की महिमा का बखान
गुरु नानक की काशी में उपदेश स्थली गुरुद्वारा गुरुबाग में शुक्रवार की सुबह आस्था की कतार लगी और लोगों ने गुरु को नमन करने के साथ ही लंगर बरतने के साथ ही लंगर छक कर गुरु की महिमा का बखान किया। श्री गुरुनानक देव जी महाराज के 552 वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर गुरुद्वारा गुरूबाग में सुबह से ही आस्था का रेला उमड़ा और दर्शन – पूजन के बाद लंगर श्रद्धालु लंगर छक कर निहाल हुए।
प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारे को झालरों और फूलों से भव्य तरीके से एक दिन पहले से ही सजा दिया गया था। सुबह 3 बजे के बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ जब श्रद्धा एवं उत्साह से श्री गुरुग्रंथ साहिब जी का भव्य सुहाना स्वागत फूलों से सजी पालकी में कर्तन भजन द्वारा किया गया। इसमें हज़ारों की संख्या में साधू सांगत ने फूलों की वर्षा की। इसके बाद 45 मिनट तक नाम सिमरन का पाठ हुआ।
सिर झुकाकर गुरु की महिमा का बखान
आस दी वार का कीर्तन सुबह 5 बजे से शुरू होकर 2 घंटे तक हुआ। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु दरबार में में उपस्थित रहे। गुरुद्वारा परिसर में सुबह से ही गुरु की संगत में सबद कीर्तन का दौर शुरू हुआ तो प्रसाद वितरण के साथ ही आस्थावानों ने सिर झुकाकर गुरु की महिमा का बखान करते हुए उनके कदमों में सजदा कर प्रकाश पर्व मनाया।
गुरुद्वारे में सुबह से ही गुरु की महिमा के बखान में संगत जमी और ‘सद्गुरु नानक परगटया मिटी धुंध जग चानण होआ…’ और ‘नानक नाम जहाज, जो चढ़े सो उतरे पार’ आदि भजन और गीतों से संगत को निहाल किया। गुरुद्वारे में दर्शन पूजन के साथ ही अनवरत लंगर छकने के लिए अपनी बारी का इंतजार किया। गुरुनानक देव को समर्पित गुरुद्वारा गुरुबाग को गुरु के जन्मोत्सव पर अनोखे ढंग से सजाया गया था।