June 20, 2025

*जब कभी स्वर्णमयी लंका का इतिहास लिखना- तो एक बार फिर राम का वनवास लिखना-हरिनारायण हरीश*

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*जब कभी स्वर्णमयी लंका का इतिहास लिखना- तो एक बार फिर राम का वनवास लिखना-हरिनारायण हरीश*

*हिंदी दिवस पर सत्यदेव कालेज गाजीपुर में कार्यक्रम सम्पन्न*

14 सितंबर ‘हिंदी दिवस ‘के उपलक्ष्य में सत्यदेव डिग्री कॉलेज (गाधिपुरम) बोरसिया,फदनपुर गाजीपुर में एक संगोष्ठी एवं स्वागत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इस संगोष्ठी की अध्यक्षता योगी आनंद गोपाल जी शास्त्री (गीता गुरुकुल फाउंडेशन के संस्थापक तथा सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के”पैटर्न सुप्रीमो”) ने की। ‘गाजीपुर गौरव’सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ कवि हरि नारायण हरीश जी मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों में लोक सेवा आयोग द्वारा प्राचार्य पद हेतु चयनित डाॅ ओम प्रकाश सिंह राजनीत विज्ञान विभाग स्वामी सहजानंद पी जी कॉलेज गाजीपुर नवगीतकार डॉ अक्षय पाण्डेय ,कामेश्वर दूबे , डॉ प्रमोद श्रीवास्तव ‘अनंग’ तथा डा० शैलेंद्र सिंह बीएड विभाग पी जी कॉलेज गाजीपुर की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां वीणापाणि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से प्रारंभ हुआ । सरस्वती वंदना बीएड संकाय के छात्र राजीव रंजन द्वारा प्रस्तुत किया गया। वंदना के पश्चात अतिथियों के स्वागत सम्मान का कार्यक्रम था जिसमें सत्यदेव ग्रुप आफ कॉलेजेज के प्रबंध निदेशक डॉ सानंद सिंह ने माल्यार्पण, अंगवस्त्रम तथा स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों का स्वागत सम्मान किया । बी एड की छात्राओं, साक्षी,रुचि और कृष्णलता द्वारा एक स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया गया। अतिथियों के स्वागत भाषण में बोलते हुए डॉक्टर सानंद सिंह ने कहा कि,”आज एक विशेष दिन है जब हम एक भाषा के लिए आज के दिन को जानते हैं । हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमारे गौरव का इतिहास संयोए हुए है। जब आज वैश्विक स्तर पर एक भय का माहौल बना हुआ है। एक ऐसी वैश्विक महामारी जिसमें कोई अपने परिजनों तक को छूना नहीं चाहता । इस वातावरण में हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें संचित करना है और संरक्षण करना है, भाषा का, मानवता से मानवता का, नदियों का, पर्वतों का, झीलों का,झरनों का,तालाबों का। आज के दिन हम केवल एक भाषा के प्रचार-प्रसार और संरक्षण की बात ना करके बल्कि पूरी मानवता के संरक्षण की बात करें तो यह ज्यादा सार्थक होगा। आगे उन्होंने सत्यदेव डिग्री कॉलेज के छात्र छात्राओं को हाथ उठाकर प्रतिज्ञा कराई कि, हम जहां भी रहेंगे प्रयासरत रहेंगे, जल का संरक्षण करेंगे, कोविड-19 में किसी की मदद करेंगे, और इस तरह से जब हमारा घर परिवार संरक्षित होता रहेगा। हमारे हिंदुस्तान का निर्माण होता रहेगा।डा० सानंद सिंह के स्वागत भाषण के पश्चात नव गीतकार डॉक्टर अक्षय पांडेय ने अपने चिर परिचित अंदाज में, “कोई गीत गुनगुना ले रास्ता बन जायेगा……!” नवगीत पढ़कर लोगों की वाहवाही लूटी। आगे इसी कड़ी में कवि कामेश्वर दुबे ने बिना मात्राओं की एक सरस्वती वंदना पढ़ी जो निराला जी की परिपाटी की याद दिलाती है।

हिंदी के साहित्यकार डॉ. प्रमोद श्रीवास्तव ‘अनंग’ ने हिंदी की क्षति का दोषी हिंदी के लोगों को ही बताया। उन्होंने कहा कि जब हिंदी भाषाभाषी लोग इसके महत्व और इसकी उपयोगिता को नही पहचानेंगे। अपनी लोक भाषाओं को नही संरक्षित करेंगे तो हमारा अपना क्या रह जायेगा। उन्होंने भोजपुरी में हिंदी को समर्पित कजली विधा में अपनी रचना पढ़कर लोगों की वाहवाही लूटी।

आगे राजनीति विज्ञान के विशेषज्ञ प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह ने हिंदी की संवैधानिक स्थिति व्यवहारिक स्थिति के विषय में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्य है कि इतने बड़े लोकतांत्रिक देश की कोई राष्ट्र भाषा नही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने यह घोषित किया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की कामकाज की आधिकारिक भाषा बनने की सारी योग्यता हिंदी रखती है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि हो सकता है संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनने के पश्चात ही हिन्दी राष्ट्र भाषा बन पायेगी।

ग़ाज़ीपुर गौरव हरिनारायण हरीश” ने हिंदी को संवेदना की भाषा कहा और ” जब कभी स्वर्णमयी लंका का इतिहास लिखना तो एक बार फिर राम का वनवास लिखना…..!” कविता पढ़कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अपने अध्यक्षयी व्यक्तव में आचार्य गोपाल जी शास्त्री ने ” सर्वे भवन्तु सुखिनः कह कर सब लोगों के सुख समृद्धि स्वास्थ्य शान्ति की मंगल कामना की और आशीर्वाद दिया।”

कार्यक्रम के अंत में समस्त अतिथियों का महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रामचन्द्र दुबे ने आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष श्याम कुमार ने किया।

इस अवसर पर सत्यदेव ग्रुप ऑफ कॉलेज के काउंसलर दिग्विजय उपाध्याय, सत्यदेव डिग्री कालेज के निदेशक अमित कुमार रघुवंशी. दिनेश सिंह, अमित वर्मा, कमलेश कुमार , मोती लाल वर्मा, शिवम् विहान भृगुवंशी, कृष्णकांत तिवारी, सर्वेश सिंह, उरूज फात्मा, शाहेला परवीन, रश्मि सिंह, ज्योति तिवारी, फिरदौस जहां, अनुज नारायण सिंह , रविन्द्र यादव, गुलशन अब्बास, कुंदन शर्मा, तथा छात्र छात्राएं समस्त उपस्थित रहे।

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