ग्रामीण महिलाओ को फूलों से न सिर्फ अगरबत्ती बनाना बल्कि फूलों की खेती हेतु भी प्रोत्साहित किया जाएगा- पूनम तिवारी

वाराणसी – 14 अगस्त प्रधानमंत्री के सांसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके महत्वाकांक्षी परियोजना स्वच्छता इंडिया को बढ़ावा देने एवं बेकार पड़ी वस्तुओं को उपयोगी बनाने की कड़ी में साई इंस्टीट्यूट द्वारा मंदिरों से निकले बेकार फूलों से महिलाओं को रोजगार परक बनाने एवं उनके लिये स्टार्टअप लाने के लिये टेक्नोलॉजी के माध्यम से वेस्ट फूलों से विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाने जैसे धूप, अगरबत्ती व वर्मी कम्पोस्ट बनाकर काशी महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने एवं उनके उत्पादों को लोकल से वोकल से जोड़ने कार्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलोपमेन्ट, वाराणसी द्वारा किया जा रहा है। उक्त प्रोग्राम की प्रोजेक्ट इन्विस्टिगेटर एवं हुनर ए-बनारस की जनरल मैनेजर पूनम तिवारी ने बताया कि उक्त परियोजना सी0एस0आई0आर0-सीमैप, लखनऊ के साथ टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में कार्य किया जा रहा है।
एक वार्ता में पूनम तिवारी ने बताया कि महिलाओ को कबाड़ से जुगाड़ के अंतर्गत न सिर्फ अगतबत्ती/धूप बल्कि उन्हें फूलों की खेती के लिये भी प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक महिलाओ को आजीविका मिल सके।
इस अवसर पर साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने कहा कि वाराणसी की ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाये अपने हुनर का सदुपयोग करते हुए खुद को आत्मनिर्भर बना सकेगी।