गाजीपुर -मुंशी प्रेमचंद व्यक्ति नहीं हैं, एक सोच हैंःअमित सिंह सत्यदेव डिग्री कालेज में मनाई गई कथा सम्राट की जयंती

 

गाजीपुर। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती सत्यदेव डिग्री कालेज गाधिपुरम (बोरसिया) फदनपुर में शनिवार को मनाई गई। उनके चित्र पर पुष्पार्चन किया गया। इस मौके पर कालेज के निदेशक अमित सिंह रघुवंशी ने प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक सोच हैं, एक विचार हैं जो शाश्वत रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे समाज में जब-जब सामाजिक विसंगतियों पर चर्चा होगी, प्रेमचंद को याद किया जाएगा। जिन्होंने अपने समय की चुनौतियों को अपनी रचना का विषय बनाया। सामाजिक क्रूर यथार्थ की रचनाएं इसका जीवंत प्रमाण हैं कि वे समाज के पात्रों को गढ़ते नहीं हैं, बल्कि पात्र उन्हें गढते हैं। प्राचार्य डा. सुनील कुमार सिंह नें उनके साहित्यिक जीवन पर बोलते हुए कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। व्यक्ति जितना भोगता है, जितना सहन करता है, जिसका प्रत्यक्ष गवाह होता है, वह गाहे-बगाहे अपनी कलम के माध्यम से पाठकों के सामने परोस देता है। इस थाली में परोसे गए भोज्य पदार्थ में साहित्यकार की संवेदना, अंतर्वेदना, मनोवेदना का वही अनुपात-समानुपात होता है, जो दैनिक जीवन में हम देखते हैं, भोगते हैं, निरपेक्ष भाव से ग्रहण कर लेते हैं। फिर किसी भी समाज में दुख का अनुपात सुख को हमेशा मात देता है तो साहित्य भी कैसे अछूता रह सकता है। इस अवसर पर दिनेश सिंह, मोती वर्मा, अमित कुमार वर्मा, अनुज नारायण सिंह, उरूज फात्मा, शाहेला परवीन, रश्मि सिंह सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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