कभी भी संत का,मंत्र का,यंत्र का एवं भगवान का परीक्षण नहीं करना चाहिए-त्रिदंडी महाराज

 

गाजीपुर जनपद के बाराचंवर ब्लाक के उंचाडिह में स्थित बाबा नागेश्वर नाथ धाम में चातुर्मास कर रहे गंगा पुत्र श्री त्रिदंडी महाराज ने उपस्थित श्रोताओं को समझाते हुवे कहा की
कलयुग में भक्ति ज्ञान वैराग्य को पुष्ट करने वाली कोई कथा है, तो वो है भागवत महा पुराण।भगवान के अवतारों का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा की भगवान के 24 प्रमुख अवतार है।हम सब मरने वाले मनुष्यों को अपने आचरण व्यवहार द्वारा शीक्षा देने के लिए ही भगवान का धरती पर अवतार होता है, एवं संतो को दर्शन देने एवं करने के लिए भगवान आते है।

त्रिदंडी महाराज ने कहा की कभी भी संत का,मंत्र का,यंत्र का एवं भगवान का परीक्षण नहीं करना चाहिए,कभी भी अपने मर्यादा को नहीं छोड़ना चाहिए,कुंती ने मर्यादा का पालन नहीं किया कुवारे पन में ही मंत्र का प्रयोग किया,परिणाम कर्ण जैसा पुत्र हुआ, व्यक्ति को हर हाल में अपनी मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए, मर्यादा से ही मनुष्य की शोभा है,राष्ट्र की शोभा है,कुल की शोभा है,इस जगत की शोभा है,बिना मर्यादा के मनुष्य जानवर से भी गया गुजरा है,जिस प्रकार जल बिहिन नदी का कोई आस्तित्व नहीं होता, इसलिए जो अपनी मर्यादा में रह कर माता पिता ,बुजुर्गो का स्त्री का सम्मान करता है उसके उपर नारायण की कृपा बनी रहती है, इससे उनके परिवार का विकास होता है,

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