प्रभु की रसोई” से भरेगा “प्रभु” का पेट

एक अगस्त से होगी “प्रभु की रसोई” की शुरूआत
समाजसेवी सिद्धार्थ सेवार्थ द्वारा मांगे गए अन्नदान से तैयार होगा भोजन
“प्रभु की रसोई” संचालन के लिए कोई भी कर सकता है अन्नदान
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बसे गाजीपुर के हरिहपुर हाला (खुरपी गांव) में एक अगस्त से “प्रभु की रसोई” की शुरूवात होने वाली है। इस रसोई में आने वाले हर किसी को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध होगा। इसकी शुरूआत करने वाले जिले के समाजसेवी सिद्धार्थ सेवार्थ ने बताया की यह रसोई किसी सरकारी सहायता या किसी संस्था की सहायता से नही संचालित की जा रही, बल्कि यह तमाम जिलों में रहने वाले उन लोगों द्वारा संचालित की जा रही है, जिन्होंने इस रसोई के लिए अन्न दान किया है।
श्री सेवार्थ ने बताया कि इस रसोई के लिए किसी से भी पैसे दान में नहीं लिया जाएगा। अगर लिया जाएगा तो सिर्फ़ अनाज। उन्होंने बताया कि इस रसोई में प्रतिदिन लगभग पचास किलो से अधिक चावल लगेगा और उसके साथ अन्य चीजें भी जैसे दाल, राजमा, मटर, सब्ज़ी। हर दिन का एक अलग मेनू होगा। रविवार को छोला-चावल, मंगलवार को तहरी, बुधवार को राजमा-चावल, गुरुवार को चने की दाल-चावल, शुक्रवार को तहरी और शनिवार के दिन खिचड़ी बना करेगी। इस रसोई में भोजन करने आने वाले हर इंसान को “प्रभु” कहा जाएगा और उसके अतिथि सत्कार को “पूजा” तथा सभी के अन्नदान से बने भोजन को प्रसाद कहा जाएगा। मालूम हो कि इस रसोई के किए अनाज जुटाने के लिए सिद्धार्थ “भारत यात्रा” कर अलग-अलग जिलों में जाकर वहां के लोगों के लोगों से एक मुट्ठी अनाज दान में लेने मांगने का कार्य कर चुके है। इस दान के लिए उनकी यह यात्रा आगे भी जारी रहेगा। सिद्धार्थ प्रतिदिन सभी से आग्रह कर रहे हैं कि इस महायज्ञ में अधिक से अधिक मात्रा में अनाज का दान करें ताकि यह रसोई हमेशा संचालित होती रहे।