June 22, 2025

होंगे जागरूक तो गंगा होगी निर्मल -राजेश शुक्ला

आम तौर पर हमने यह रिवाज़ बना लिया है कि बची हुई पूजन सामग्री हो या फिर ईश्वर की खराब हो चुकी टूटी हुई तस्वीर को या अन्य धार्मिक वस्तुएं हों यदि वह हमारे काम के लायक नहीं हैं तो हम उनको गंगा में विसर्जित कर दें । क्या ऐसा करने से हम बहुत बड़े पुण्य के भागीदार बन जाते हैं ? बिल्कुल नहीं, इन गतिविधियों की वजह से हमारे पर्यावरण और गंगा पर दुष्प्रभाव पड़ता है । आम नागरिकों को इसके लिए जागरूक होना होगा । खासकर युवा गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक होंगे तो निश्चय ही समाज को एक सकारात्मक संदेश दे सकेंगे। आम नागरिक जनभागीदारी से गंगा स्वच्छता के विभिन्न आयामों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। दशाश्वमेध घाट पर शीशा लगी हुई तस्वीरें निकाल कर नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने स्वच्छता को संस्कार में शामिल करने का संदेश देकर आम नागरिकों से अपील की । जागरूक करते हुए कहा कि नागरिक गंगा घाटों पर प्लास्टिक का उपयोग ना करें। गंगा तटों पर पूजा सामग्री का विसर्जन या केमिकल से बनी मूर्तियों का विसर्जन ना करें। गंगा स्नान के समय साबुन सर्फ का इस्तेमाल ना करें। गंगा में कूड़ा कचरा व पॉलिथीन नहीं डालने तथा खुले में शौच के स्थान पर शौचालय का प्रयोग करने सहित अन्य कई बातों के लिए जागरूक किया ।

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