June 20, 2025

अब बख्श दो मेरी गंगा को-राजेश शुक्ला

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नागरिकगण समझें अपना दायित्व 

 

अब देखिए ये महाशय आए तो है गंगा जी में पुण्य की डुबकी लगाने पर ऊपर से नीचे तक साबुन में डूब गए । मेरे द्वारा हाथ जोड़कर अपनाए गए मार्मिक रुख पर यह शर्मसार हो गए और खुद भी हाथ जोड़ने लग गए । अब इनको पुण्य मिलेगा या पाप यह तो ईश्वर जानें ?

परंतु प्रत्येक नागरिक को अपना दायित्व समझना चाहिए। लोग ही कहते हैं कि ऐसे कृत्यों पर अर्थदंड लगाया जाना चाहिए । किसी भी समाज में अर्थदंड का प्राविधान लोगों को अनुशासन के दायरे में बांधने के उद्देश्य से तो किया ही जाता है, इसके पीछे यह भी मंशा होती है कि लोग अपने दायित्वों को समझे ।

समाज में जब नागरिक चेतना की कमी होती है, तभी सरकार को इस तरह के कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मल – मूत्र विसर्जन, थूकने, गंदगी करने, कचरा जलाने व मिट्टी में दबाने आदि नागरिक अराजकता पर अंकुश लगाने के लिए ही उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ट ( प्रबंधन संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली 2021 की तैयारी की है और अर्थदंड का प्राविधान किया गया है ।

गंगा में भी प्रदूषण व गंदगी करने पर कड़े कानून एवं दंडात्मक प्राविधान बनाए गए हैं।जनजीवन के लिए कचरा कितना बड़ा संकट है , इससे वैज्ञानिक और पर्यावरणविद लगातार आगाह कराते रहे हैं फिर भी लोगों में इसके प्रति चेतना जागृत होती नहीं दिखती ।

 

विडंबना ही है कि गंदगी करने जैसे कृत्य से लोग आहत होते हैं तो उसकी आलोचना करते हैं । लेकिन खुद भी ऐसा करने से बाज नहीं आते । जबकि हर नागरिक का यह दायित्व है कि वह अपने सामाजिक कर्तव्यों को न सिर्फ समझे बल्कि उसका अनुपालन कर आने वाली पीढ़ी की प्रेरणा बने।

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