जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जोड़तोड़ की राजनीति शुरू

गाजीपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन होने के बाद जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू है, क्योंकि पार्टी लाइन पर किसी के पास समर्थन नहीं है, सबको निर्दल और बागियों के साथ दूसरे दलों से जीत कर आए सदस्य वोटरों के वोट की दरकार है।
भाजपा ने देर से ही सही लेकिन ऐन मौके पर निर्दल सैदपुर प्रथम से जीत कर आई रसूखदार सपना सिंह को जिला पंचायत उम्मीदवार जिस अंदाज में बनाया है, उससे भाजपा के साथ साथ विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में भी खलबली यहाँ से लगायत लखनऊ तक मच गई है। जिसका नतीजा सपा सुप्रीमों को एक विशेष बैठक यहां के नेताओं को बुलाकर खुद करनी पड़ी। हालांकि उसका नतीजा वो नहीं निकल सका जो बागी सदस्य चाहते थे।
फिलहाल जानकारों की माने तो ये चुनाव शुद्ध रूप से रसूख और धनबल का है, और जो भी 67 सीट वाले इस चुनाव में 34 या उससे ज्यादा जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में वोट कराने में कामयाब रहेगा, उसकी जीत पक्की है। ऐसे में कल 29 जून को नामांकन वापसी की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि तीन या दो कितने में वोटों का बंटवारा होगा और कौन किसके साथ रहेगा। क्योंकि राजनीतिक पंडितों का अनुमान है कि गाज़ीपुर की सामान्य महिला सीट पर अंत में दो ही प्रत्याशी मैदान में रहने वाले हैं और वो हैं भाजपा से सपना सिंह जो सामान्य और क्षत्रिय प्रत्याशी हैं। और दूसरी सपा से कुसुमलता यादव हैं, जो पिछड़ी यदुवंशी समाज से आती है, मगर दोनों ही पार्टी लाइन पर बहुमत से काफी दूर हैं और अब यहीं पर धनबल और रसूख का काम पड़ने वाला है क्योंकि जनपद की प्रथम महिला को चुनने के लिए निर्दल और बागियों की ही संख्या काफी है।

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