मऊ : निर्विरोध जिलापंचायत अध्यक्ष निर्वाचित मनोज राय का राजनीतिक सफर

मऊ। निर्विरोध निर्वाचित जिलापंचायत अध्यक्ष तय होने वाले मनोज राय का एक लंबा राजनितिक संघर्ष रहा है। जनपद मुख्यालय से सटे सहरोज गांव निवासी मनोज राय के पिता प्रकाशचंद राय एक प्रतिष्ठित दवा व्यवसाई हैं। तीन भाइयों में मझोले मनोज राय बचपन से ही व्यवहार कुशल एवं सामाजिक सरोकारों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
मनोज राय का राजनीति में पहला पदार्पण
मनोज राय का राजनीति में पहला पदार्पण छात्र संघ चुनाव में हुआ और जनपद के प्रसिद्ध डीसीएसके पीजी कॉलेज, मऊ से सन् 1993-94 सत्र में छात्र संघ महामंत्री का चुनाव जीते। इसके बाद जनपद में एक युवा नेता के रुप में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिए उन दिनों विकास पुरुष कल्पनाथ राय सांसद हुआ करते थे और देश में विकास को लेकर कल्पनाथ राय को जाना जाता था। बताते हैं छात्रसंघ महामंत्री होने के बाद मनोज राय कल्पनाथ राय के बहुत करीबी हो गए थे। मगर कल्पनाथ राय के असामयिक निधन के बाद मनोज राय राजनीतिक रूप से अपने को अनाथ महसूस करने लगे थे। एक तेज तर्रार छवि होने के कारण उन दिनों इनके कई राजनीतिक विरोधी भी हुए जिसके कारण समय-समय पर बर्चस्व की तकरार में कई राजनीतिक मुकदमे भी लगे जो समय के साथ सुलझते चले गए।
मनोज राय 2001 में कोपागंज व्लाक के प्रमुख बने
अपने राजनीतिक कैरियर को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सन् 2001 में कोपागंज विकास खंड से ब्लाक प्रमुखी का चुनाव लड़े और विजयी होने में सफल रहे। इन दिनों तक मनोज राय के राजनीतिक पंख पूरी तरह जम चुके थे। हालांकि इनके राजनीतिक उत्कर्ष से इनके सहयोगी कम और विरोधी ज्यादा पैदा हो गए जिसका खामियाजा इनके संघर्षों से भुगतना पड़ा और तमाम गतिरोधों एवं उठापटक के बाद कई बार राजनीतिक मुकदमों में जेल यात्रा भी करनी पड़ी।मगर अब तक मनोज राय ने धीरे-धीरे अपना पैर जमाना शुरू कर दिया था।

वर्ष 2002 में मनोज राय घोसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडे
सन् 2002 में घोसी से विधानसभा चुनाव लड़े परंतु अपने राजनीतिक आदर्श मानने वाले सपा नेता सुधाकर सिंह के सामने चुनाव लड़े जिसके कारण इन दोनों की लड़ाई में तीसरा फागू चौहान ने बाजी मारी ली और इनको हार का मुंह देखना पड़ा।
वर्ष 2010 में मनोज राय ने अपने भाई सर्वेश राय को कोपागंज ब्लाक का प्रमुख बनाया

विधानसभा चुनाव में पदार्पण के बाद सन् 2010 में इन्होंने अपने भाई सर्वेश राय को कोपागंज से ब्लाक प्रमुख बनाया। अपने विधानसभा के टिकट के लिए लगे रहे, परंतु 2007 में विधानसभा से टिकट न मिलने के कारण 2010 में जिलापंचायत सदस्य का चुनाव लड़े और विजयी हुए। अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते इन्होंने लगातार 2012 विधानसभा एवं 2017 विधानसभा में भी अपनी प्रबल दावेदारी ठोंकी परंतु 2017 विधानसभा चुनाव में ऐन वक्त पर टिकट कट जाने के कारण विधानसभा चुनाव लड़ने से वंचित होना पड़ा। इस दौरान वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के सहरोज वार्ड से लगातार निर्दल जिलापंचायत सदस्य का चुनाव जीतते गए। अपने लंबे राजनीतिक अनुभव के आधार पर यह पुनः 2019 हुए लोकसभा चुनाव में भी टिकट की दावेदारी की परंतु अंतिम समय में टिकट मिलते मिलते रह गया और फिर मायूसी हाथ लगी। परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगातार तीसरी बार चुनाव जीते।
जिला पंचायत क्षेत्र सहरोज से मनोज राय तीन बार सदस्य का चुनाव जीते हैं

साथ ही अपने विकासखंड कोपागंज पर अपना लगातार दबदबा कायम रखा और अपना ब्लाक प्रमुख भी बनाते रहे। इनके लंबे राजनीतिक संघर्षों को देखते हुए भाजपा ने जिलापंचायत अध्यक्ष के रूप में अपना प्रत्याशी घोषित किया और आज अपने संघर्षों के बल पर मनोज राय का जिलापंचायत अध्यक्ष के रूप में एकतरफा निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है।