सीएम योगी के कानों तक पहुंची गंगा की किलकारी, गुल्लू निषाद के घर पहुंचे डीएम

गाजीपुर। मां गंगा की गोद से केवट को प्राप्त होने वाली दुधमुंही गंगा की किलकारी सरकार के कानों तक पहुंच गई। सीएम के निर्देश पर बुधवार को जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह नगर के ददरीघाट स्थित गुल्लू निषाद के दरवाजे पर पहुंचे। डीएम ने गंगा में लकड़ी के बक्सा में मिली बच्ची को निकालने के लिए गुल्लू के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

जिलाधिकारी ने गुल्लू के मुंह से बक्से में मिली बच्ची की पूरी कहानी सुनी। उसके जीविकापार्जन के संबंध जानकारी लेते हुए सरकारी आवास उपलब्ध कराने की बात कही। इस पर गुल्लू ने कहा कि साहब हमरे पास पक्का मकान ह। इस पर डीएम ने कहा कि बताओ तुम्हें क्या चाहिए, गुल्लू ने कहा कि साहब हमके लड़की चाही। इस पर जिलाधिकारी भी सोच में पड़ गए। गुल्लू से पूछा कि तुम नाव चलाते हो तो उसने कहा कि ह साहब बड़े भाई का नाव चलाता हूं। इस पर डीएम ने कहा कि तुम नाव ले लो, जिसे गुल्लू ने स्वीकार किया। जिलाधिकारी ने तत्काल ईओ और तहसीलदार को नाव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। फिर गुल्लू ने कहा कि साहब घर तक पहुंचने के लिए मुझे रास्ते की दिक्कत है। इस पर जिलाधिकारी श्री सिंह ने संबंधित को रास्ता बनवाने को कहा। इससे पूर्व जिलाधिकारी जिला महिला अस्पताल पहुंचे। चिकित्सक से बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी ली। मालूम हो कि बीते सोमवार की सुबह करीब 10 बजे नगर के ददरीघाट पर कुछ लोगों की नजर गंगा किनारे पानी में हिल रहे एक लकड़ी के बक्सा पर पड़ी थी। इसकी जानकारी होते ही पास ही पूजा करा रहा गुल्लू चौधरी दौड़कर बक्सा के पास पहुंचा थी। बक्सा खोला तो देखा था कि बक्सा के अंदर बिछे चुनरी पर चुनरी से लिपटी हुई देवी के रूप में करीब एक माह की बच्ची पड़ी थी। बक्सा के ढक्कन के अंदर के हिस्से पर मां दुर्गा की एक फोटो चस्पा था, जबकि कुछ अन्य देवी-देवताओं की फोटो बक्सा में रखे हुए थे। बक्सा में जन्म पत्री भी पड़ी हुई थी। जिस पर बच्ची के जन्म की तिथि के साथ ही उसे गंगा को समपर्ण करने की बात लिखी हुई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस बच्ची को उपचार के लिए लेकर चली गई थी।