Shootout in jail : ईद के दिन मारा गया मेराज, Varanasi से शुरू हुई आपराधिक यात्रा Chitrakoot jail में खत्म, मुकीम काला और अंशुल दीक्षित को भी यमराज ले गए साथ

मेराजुद्दीन उर्फ मेराज की क्रिमिनल जर्नी खत्म हो गई। ईद के दिन चित्रकूट जेल में हुई गैंगवार में वह मारा गया। मुकीम काला और अंशुल दीक्षित को भी यमराज साथ ले गए। दरअसल,चित्रकूट जेल की उच्च सुरक्षा बैरक में शुक्रवार को वाराणसी के मेराजुद्दीन उर्फ मेराज की हत्या कर दी गई। जेल में निरुद्ध हत्यारोपी अंशुल दीक्षित पुत्र जगदीश जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट में निरूद्ध था। आरोप है, शुक्रवार की सुबह तकरीबन दस बजे सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला और बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर आए मेराजुद्दीन मेराज को उसने गोली मार दी। पांच अन्य बंदियों को अपने कब्जे में कर लिया। बंदियों को कब्जे में लेने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा।

जेल सूत्रों के अनुसार, उसके पास असलहा था। जिला प्रशासन को जानकारी दी गई। DM और SP ने पहुंचकर बंदी नियंत्रित करने की कोशिश की। वह पांच बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा। उसकी जिद को देखते हुए पुलिस द्वारा कोई विकल्प न देखते हुए की गई फायरिंग में अंशुल दीक्षित भी मारा गया, इस तरह कुल तीन बंदी शूटआउट में मरे।
अंशुल दीक्षित पुलिस मुठभेड़ में मरा। जबकि, मुकीम काला और मेराज को अंशुल दीक्षित ने मारा है। वारदात के बाद कारागार में तलाशी कराई गई।
याद होगा, बीते साल वाराणसी के डी एम कौशल राज शर्मा ने चर्चित विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराज का शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया था। अशोक विहार निवासी मेराज ने अपने विरुद्ध कायम मुकदमों को छुपाकर, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस ले लिया था।
लाइसेंस रीन्यूअल के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया था। मेराज के खिलाफ जैतपुरा थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा कायम किया गया था। मेराज के खिलाफ बनारस और रायबरेली के विभिन्न थानों पर करीब दर्जन भर केस दर्ज थे। साल 2002 में सिगरा के मलदहिया चौराहे पर चार लोगों की सनसनीखेज तरीके से हत्या हुई थी, जिसमें मेराज का नाम चर्चा में आया था। मछली कारोबारी मेराज का कारोबार काफी समृद्ध था। पूर्वांचलमें उसका काफी नाम था। हालांकि, मुख्तार का करीबी होने की वजह से जल्द ही सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आ गया, इसके बाद उसकी फाइलें खुलीं तो उसके अपराध की फेहरिश्त भी बढ़ती चली गई।
पांच सितंबर को थाना प्रभारी जैतपुरा ने कायम कराया था मुकदमा
मेराज शासन के आदेश पर 21 मार्च शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच दूसरे जिले के कारागार भेज गया। मऊ सदर के विधायक मुख्तार के सहयोगी अशोक विहार कालोनी फेज-1 निवासी मेराज पर फर्जी तरीके से पिस्टल का लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के आरोप में पांच सितंबर 2020 को जैतपुरा थाना प्रभारी की तहरीर पर मुकदमा कायम हुआ था। तीन अक्टूबर 2020 को मेराज ने जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया पुलिस चौकी में सरेंडर कर दिया था। वह बनारस के जिला कारागार में निरुद्ध था। मेराज को जिला कारागार से चित्रकूट भेजा गया था। जेल में मेराज की हत्या की जानकारी होने के बाद काफी संख्या में लोग मेराज के घर पहुंचे। ईद के दिन मेराज की हत्या को लेकर परिवार में कोहराम मचा था।