June 19, 2025

दर्पण पर धूल जम जाने से चेहरा दिखाई नहीं देता , ठीक उसी प्रकार मन मैला होने पर मंदिर जाने से भगवान दिखाई नहीं देता – श्री राजन जी महाराज

कथा मंच पर आसीन पूज्य राजन जी महाराज
डा०सानन्द सिंह.श्रीमती सावित्री सिंह एवम डा०प्रीति सिंह के द्वारा व्यास पूजन

जिस प्रकार दर्पण पर धूल जम जाने से उसमें अपना ही चेहरा दिखाई नहीं देता , ठीक. उसी प्रकार मन मैला होने पर मंदिर में जाने पर भी वहां भगवान दिखाई नहीं देते।इसलिए यह जरूरी हैं कि सबसे पहले हम अपने मन को निर्मल करें।पर बिना भजन के मन निर्मल नहीं हो सकता , ऐसे में हमें जीवन में जितना हो सके , जब भी फुर्सत मिले.भजन करना चाहिए। क्योंकि मन निर्मल हो जाने पर किसी को मंदिर जाने की भी आवश्यकता नहीं होती।क्योंकि निर्मल मन वालों को तो घर बैठे ही अपने आप भगवान का दर्शन सहजता से सुलभ हो जाता है।

पूज्य राजन जी महाराज से व्यास पीठ से आशिर्वाद लेते डाक्टर सानन्द

उक्त बातें स्थानीय नगर के लंका मैदान में चल रहे , नौ दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन श्री केवट प्रेम प्रसंग पर कथा करते हुए , कथा सम्राट मानस मर्मज्ञ पूज्य श्री राजन जी महाराज ने कही।श्रीराम कथा में आज के मुख्य यजमान सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज गाधिपुरम बोरसिया गाजीपुर के प्रबन्ध निदेशक डा० सानन्द सिंह उनकी माता.सावित्री सिंह ट्रस्टी सत्यदेव ग्रुप्स आफ कालेजेज.पत्नि डा०प्रीति सिंह के द्वारा व्यासपीठ, पवित्र रामचरितमानस एवं कथा मंडप की आरती उपरांत आरम्भ हुयें।

कथा को दैनिक विश्राम देते हुए पूज्य महाराज जी ने बताया कि पवित्र रामचरितमानस में अयोध्या काण्ड इस ग्रंथ की आत्मा है।जो दशरथ पुत्र प्रभु श्रीराम को राम. से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बनने तक के सम्पूर्ण जीवन चरित्र को रेखांकित करती है। इस अध्याय का सबसे बड़ा संदेश यह है कि जो व्यक्ति जीवन. में स्व के सुख पर केंद्रित रहता है |

उसे एक दिन घर वाले भी नहीं पूछते , परन्तु जो अपने सुख और ऐश्वर्य को त्याग कर सबके सुख की चिंता करता है। उसको सम्पूर्ण जगत प्रेम करता है।और वही एक दिन समाज में मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर सबका पूज्यनीय हो जाता है। भगवान श्रीराम का जीवन इस बात का साक्षी है।अंत में सबके प्रति आशीर्वाद की कामना करते हुए , कथा को महाराज ने दैनिक विश्राम दिया।

भज ले प्राणी रे अज्ञानी.बस दो दिन की जिन्दगानी. कहां तु भटक रहा है.भजन पर कथा पंडाल में उपस्थित सभी श्रोता झूम उठे।इस अवसर पर कथा पंडाल में कथा समिति के सदस्य.प्रभाकर त्रिपाठी. शशिकांत वर्मा,आलोक सिंह, सुधीर श्रीवास्तव, संजीव त्रिपाठी, राकेश जायसवाल, आकाश विजय त्रिपाठी, दुर्गेश श्रीवास्तव, आशीष वर्मा, मंजीत चौरसिया, अनिल वर्मा, अमित वर्मा, सुजीत तिवारी, राघवेंद्र यादव, कमलेश वर्मा, हरिओम अग्रहरि, मीडिया प्रभारी पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय.दिग्विजय उपाध्याय काउंसलर सत्यदेव ग्रुप्स आफ कालेजेज गाजीपुर. सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता उपस्थित रहे।

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