हमारी संतान संस्कारवान बनें तो उसे संस्कार का उपदेश देने की बजाय हमें स्वयं संस्कारवान बनना होगा-राजन जी महाराज

संत पुरुष ने जिस पर कृपा कर दी उस पर अपनी कृपा करने के लिए भगवान को विवश होना पड़ता है इसलिए नवधा भक्ति में सबसे पहली भक्ति बताई गई है कि व्यक्ति को जीवन में सर्वप्रथम संत पुरूषों कि संगति करनी चाहिए यही एक उपाय है जिससे प्रभु मिलन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, उक्त बातें स्थानीय नगर के लंका मैदान में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन धनुष भंग पर अपनी अमृतवाणी से सरस श्रीराम कथा करते हुए कथा सम्राट मानस मर्मज्ञ पूज्य श्री राजन जी महाराज ने कही।आज सायं कथा विश्राम करते हुए कल सम्पन्न होने वाले श्री सीताराम विवाह एवं छप्पन भोग कथा कि पूर्व संध्या पर कथा मंडप में उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को संदेश देते हुए पूज्य महाराज ने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि हमारी संतान संस्कारवान बनें तो उसे संस्कार का उपदेश देने की बजाय हमें स्वयं संस्कारवान बनना होगा ऐसा हम अपने जीवन में सदसंगति और सत्संग में समागम के द्वारा ही संभव कर सकते हैं।
पूज्य राजन जी महाराज ने कहा की मानस की एक-एक चौपाई जीवन जीने का मंत्र है।
श्रीराम कथा सुनने मात्र से जीव को मुक्ति मिल जाती है। रामचरित मानस की एक-एक चौपाई में जीवन जीने का मंत्र है। कथा सुनते तो सभी है, एक-दूसरे को सुनाते भी हैं और सुनने के लिए भी कहते हैं, लेकिन बात यह है कि जब अमल करने की बारी आती है तो बहुत ही कम लोग अमल करते हैं।

श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा के कम से कम पांच दोहों का स्मरण हमें प्रतिदिन करना चाहिए। श्रीराम कथा सभी ग्रंथों का सार है। रामकथा जितनी बार सुनेंगे, उसमें आंनद की अनुभूति बढ़ती ही जाती है।राम कथा में पूज्य राजन जी के द्वारा गाये गये भजनों पर श्रद्धालु झूम उठने पर विवश हो जा रहे हैं।

श्रीराम कथा में आज के मुख्य सपत्नीक यजमान शशिकांत वर्मा द्वारा व्यासपीठ, पवित्र रामचरितमानस एवं कथा मंडप की आरती उपरांत आरम्भ हुयें कथा के अवसर पर कथा पंडाल में कथा समिति के सदस्य श्री आलोक सिंह, सुधीर श्रीवास्तव, शशिकांत वर्मा, संजीव त्रिपाठी, राकेश जायसवाल, आकाशमणि त्रिपाठी, दुर्गेश श्रीवास्तव, मंजीत चौरसिया, अनिल वर्मा,अमित वर्मा, सुजीत तिवारी, राघवेंद्र यादव, कमलेश वर्मा, मीडिया प्रभारी पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रौता उपस्थित रहे।