सिद्धार्थ अब उदाहरण बन गये हैं :गिरिराज सिंह

आपके ग़ाज़ीपुर में स्वरोजगार और समेकित खेती की उन्नत पहल खुरपी नेचर विलेज को केंद्र सरकार के कद्दावर मंत्री की तारीफ मिली है। बुधवार को ग़ाज़ीपुर के युवा समाजसेवी सिद्धार्थ ने जब केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की तो उन्हें थोड़ा भी अंदाजा नहीं था कि शाबासी के रूप में उन्हें अपनी खुरपी गाँव की इस कदर तारीफ सुनने को मिलेगी। गिरिराज सिंह ने न केवल खुरपी की तारीफ की है बल्कि ग़ाज़ीपुर के लाल के प्रयास को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि सिद्धार्थ अब उदाहरण बन गए हैं और युवाओं को उनका अनुकरण करना चाहिए।
आपको बता दें की अभी कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल भी सिद्धार्थ को पुरस्कृत कर चुकी हैं। सिद्धार्थ राय ने केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह से उनके मंत्रालय में बुधवार की देर शाम लगभग तीन घंटे की मुलाक़ात की। इस अवसर पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री को ग़ाज़ीपुर के खुरपी गाँव में बने खिलौनों को उनको सप्रेम भेंट भी किया। सिद्धार्थ राय ने बताया कि लगभग दो महीने पहले कृषि मंत्रालय से उनके पास फ़ोन आया था की केंद्रीय पशुपालन मंत्री बात करना चाहते हैं। उसके बाद गिरिराज सिंह जी ने सिद्धार्थ से लंबी बात करते हुए उनके खुरपी गाँव को समझा और खूब सराहा। उसी दौरान सिद्धार्थ को दिल्ली आकर केंद्रीय मंत्री से भेंट करने का निर्देश खुद उन्हीं के द्वारा प्राप्त हुआ। यहाँ आने पर सिद्धार्थ के साथ मुलाक़ात के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सिद्धार्थ के कामों की ढेरों प्रशंसा करते हुए जल्द ग़ाज़ीपुर के खुरपी गाँव आने की बात कही। इतना ही नहीं, गिरिराज सिंह ने खुद अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके सिद्धार्थ के कामों की जानकारी दी और उन्हें अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण बताया।
जब केंद्रीय मंत्री ने सुनी सिद्धार्थ से पूरी कहानी

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पूरी तसल्ली से सिद्धार्थ के मॉडल खुरपी प्रोजेक्ट को समझा। सब कुछ उत्सुकता से जानने के बाद गिरिराज सिंह ने पूछा की यह बताओ तुम ने पहले क्या किया है ? तब सिद्धार्थ ने बताया की उनका कृषि कार्य में कोई अनुभव नही रहा है और उन्होंने तो एम॰बी॰ए॰ किया है। साथ ही, दो साल तक एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम भी किया है । केंद्रीय मंत्री इस बात को लेकर चकित भी दिखाई पड़े की पहले पढ़ाई में फैल भी हुआ फिर पढ़ाई में दो गोल्ड मेडल भी पाये और कॉरपोरेट का जीवन जीकर निकला युवा आज खेती किसानी से रोजगार पैदा कर रहा है।

सिद्धार्थ ने गिरिराज सिंह को बताया कि उनकी रुचि बचपन से पशुओं में रही है। अब अपने मन का काम करने में मज़ा आता है । यह बात अलग है की लोग कहते हैं एम॰बी॰ए॰ कर के गोबर उठा रहा है। सिद्धार्थ ने बताया कि ऐसी बातों से उनका हौसला और मजबूत होता है। वह बहुत खुश हैं कि अपने इस गाँव – देहात से जुड़े काम को कर के आज साल भर में उन्होंने 23 लोगों को रोज़गार दिया है। लगभग 123 किसान उनसे जुडे हैं जिनका उत्पाद सिद्धार्थ ख़रीद रहे हैं। हर सुबह 672 ग्राहकों के घर की सबसे पहले घंटी भी सिद्धार्थ बजवाते हैं उन तक उनके खुरपी फार्म का शुद्ध दूध पहुँचा कर इसके अलावा हर रोज खुरपी गांव पर सैकड़ों लोगों के आतिथ्य का सुख भी उन्हें मिल रहा है।
