सिद्धार्थ के प्रयास से पहुंचा पानी। शिकारपुर में दौड़ी खुशी की लहर

सिद्धार्थ के प्रयास से पहुंचा पानी।
शिकारपुर में दौड़ी खुशी की लहर

महीने भर के संघर्ष के बाद समाजसेवी सिद्धार्थ राय का प्रयास पानी लेकर ही माना।खुद सिद्धार्थ राय ने बोरिंग के पम्प की पूजा अर्चना करने के बाद, बोरिंग पम्प का पहियां घुमा कर पानी को लगभग पांच किलोमीटर लंबी पाइप लाइन के लिये छोड़ा। जिसके बाद सभी में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी।अब पाइप लाइन टेस्टिंग का कार्य साथ ही साथ किया जा रहा है।देवकली ब्लॉक में पड़ने वाले शिकारपुर गांव में वर्षों से पानी की समस्या थी, समस्या ऐसी की कोई जल्दी अपनी बहन-बेटी की शादी शिकापुर गांव में इस डर से नहीं करना चाहता था कि शादी के बाद उसकी बहन-बेटी को पानी ढोना पड़ेगा।क्योंकि इस गांव में तो पीने वाला पानी था ही नहीं और पीने वाले पानी को लेने के लिये लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

इस गाँव का खारा पानी इस कदर खारा था की इस गाँव का कोई पशु भी यहां का पानी सूंघता तक नहीं था।पहले बहुत से लोग आये और गये, बहुत से लोगों ने पानी की समस्या से समाधान दिलवाने के लिये वादे भी किये, वादे के बदले वोट भी बटोरे लेकिन समस्या जस की तस रही।
गांव के लोगों ने भी बहुत सी शिकायतें नेताओं और अधिकारियों से की लेकिन किसी पर कोई असर नहीं पड़ा।

 

आख़िरकार समाजसेवी सिद्धार्थ राय का ध्यान इस गांव पर पड़ा और फिर उन्होंने अपने गांधी वादी तरीक़े का इस्तेमाल करते हुए गांव की सड़कों पर स्लोगन लिखे पोस्टर टांग दिये, वो स्लोगन ऐसे थे जिन्हें देख प्रशासन और नेताओं को शर्म आने लगे. सोशल मीडिया पर लोग इस गांव की चर्चा शुरू कर डाले। सिद्धार्थ राय ने ऑनलाइन सत्याग्रह का अभियान सोशल मीडिया पर शुरू कर डाला।बाद में ज़िले के सभी नेताओ को पत्र भेज कर इस समस्या से अवगत करवाया। ख़ुद गांव के लोगों की भारी भीड़ लेकर पानी का डब्बा बजाते हुए टोटो गाड़ियों का क़ाफ़िला लेकर ज़िलाधिकारी कार्यालय पहुंच गये। पहुंचने का तरीक़ा भी टोटो गाड़ी से बिल्कुल नया था।पहुंच कर ज़िलाधिकारी कार्यालय पर ज्ञापन भी दिया।
जिसके अगले ही दिन से गांव में पानी पहुंचाने का कार्य जल निगम का तेज़ी से दौड़ पड़ा।

बाद में राज्यसभा सांसद डॉक्टर संगीता बलवंत से भी सिद्धार्थ राय ने भेंट करके इस समस्या के बारे में बताया जिसके बाद उन्होंने भी ज़िलाधिकारी को पत्र लिखा।जिस काम के होने की उम्मीद अब गांव के लोग छोड़ चुके थे।अब उनकी वही छोड़ी हुई उम्मीद सिद्धार्थ राय ने पूरी कर दिखायी है। सिद्धार्थ राय ने इस कार्य में भरपूर सहयोग देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद दिया। इसके साथ ज़िलाधिकारी आर्यका अखोरी, राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत, अधीक्षण अभियंता मोहम्मद क़ासिम, प्रोजेक्ट मैनेजर जहाँगीर, ग्राम प्रधान रामजी बलवंत, मोहित यादव, सुनील कुमार, मनीष बिंद, शुभम पांडेय व गांव के सभी लोगों को इस काम में भरपूर सहयोग देने के लिये धन्यवाद किया।

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