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स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 74 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी - बेबाक भारत II बेबाक भारत की बेबाक खबरें

स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 74 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी

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स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 74 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी

गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद क्षेत्र के बैजलपुर स्थित मधुर मिलन लाॅन में स्वामी सहजानन्द सरस्वती स्मृति न्यास गाजीपुर के तत्वावधान में स्वतंत्रता सेनानी, संगठित किसान आंदोलन के जनक,अखिल भारतीय किसान सभा के संस्थापक, विद्रोही संन्यासी दण्डी स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 74 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी। इस अवसर पर अनुयायियों ने उनके चित्र पर धूप दीप जलाकर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर विचार गोष्ठी का आयोजन किया।
कार्यक्रम में स्वामी जी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए एक गोष्ठी आयोजित की गई जिसका विषय था।वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में ब्रह्मर्षि समाज की चुनौतियां तथा उसके समाधान* इस गोष्ठी में वक्ताओं द्वारा अपने विचार रखें गये।

 


उक्त गोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए राजेश राय पिंटू ने कहा कि ब्रह्मर्षियों की राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि अत्यंत गौरवशाली रहा है। वह समाज के पोषक के रूप में प्रतिष्ठित रहा, पर राजनैतिक विद्वेषवश उसे शोषक के रूप में दुष्प्रचारित किया गया। उसके सामाजिक पकड़ को कमजोर करने के लिए षडयंत्र किया गया, तथापि वह अपने बुद्धि -विवेक से आज भी अपनी पहचान बनाये रखा है। किसान नेता कृष्णानंद राय ने कहा कि हमारी पहचान किसानी से है, पर समय के साथ हमें आर्थिक समृद्धि के लिए अन्य क्षेत्रों में भी प्रयास करने की जरूरत है। पूर्व सैनिक पारसनाथ राय ने कहा कि आज समय की मांग है कि हम किसी तरह आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त करें, साथ ही शारीरिक रूप से हम मजबूत रहें। राजेन्द्र राय ने सबको एक साथ मिलकर सहयोगात्मक भावना से काम करने और स्वामी जी के सिद्धांतों को अपनाने की बात कही। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि अनिल राय एडवोकेट ने कहा कि विखंडित समाज को जोड़ने के लिए निरंतर सम्पर्क और सेवा की भावना नितांत आवश्यक है। अपने उद्बोधन में शशांक शेखर राय ने कहा कि आज समय की मांग है कि हम सवाल की जगह समाधान का माध्यम बने। सवाल से चुनौतियों पैदा होती हैं और सहयोग से उसका समाधान होता है। राजेश राय बागी ने स्वामी जी के जुझारूपन को आत्मसात् कर अपने वजूद के लिए निरंतर संघर्षपथ पर डटे रहने का आह्वान किया।

पत्रकार और विचारक श्रीराम राय ने स्वामी जी के नाम से ट्रेन चलाने और उनके नाम पर विश्वविद्यालय खोलने की बात कहीं। स्वामी जी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर कविता के माध्यम से जोरदार प्रकाश डाला। इस अवसर पर दिनेश चंद्र शर्मा ने भी स्वामी जी पर स्वरचित कविता पाठ किया।किसान नेता विनोद राय ने सिद्धांत को जमीनी स्तर पर लाने और स्वामी जी के आगामी 75 वीं पुण्यतिथि को भव्य तरीके से मनाने का संकल्प लेने को कहा।मुख्य वक्ता श्री विश्वविमोहन शर्मा ने गोष्ठी पर अपने सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में रामनाथ ठाकुर, राजेन्द्र राय,मुक्तिनाथ राय,विनय राय,कविन्द्र राय,लौवाडीह के ग्राम प्रधान रविशंकर राय संजू, विमलेश राय प्रधान,अनिल राय,विनय राय, एडवोकेट सत्येंद्र राय,विपुल राय,हेमनाथ राय,एडवोकेट शेषनाथ राय , नित्यानंद राय कृष्णानंद राय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी सहजानन्द सरस्वती स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष रामाश्रय राय तथा संचालन एडवोकेट मारूति कुमार राय ने किया। न्यास के अध्यक्ष शशिधर राय ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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