ताज पब्लिक स्कूल के बच्चों ने समर कैंप में गाज़ीपुर स्थित वृद्धाश्रम का किया भ्रमण

ताज पब्लिक स्कूल के बच्चों ने समर कैंप में गाज़ीपुर स्थित वृद्धाश्रम का किया भ्रमण

ताज पब्लिक स्कूल में समर कैंप में बच्चों को गाज़ीपुर स्थित वृद्धाश्रम में ले जाया गया। वहां पहुंच कर बच्चों ने वृद्धाश्रम के सभी बुजुर्गों को उपहार स्वरूप दिनचर्या की आवश्यक वस्तुएं और खाने का समान भेंट कर सभी का आशीर्वाद प्राप्त किया। सभी बच्चे करीब दो घंटे तक बुजुर्गों के बीच रहे। इस क्रम में विद्यालय के बच्चों ने एक जगह इकट्ठा हो कर प्रार्थना गीत भी गाया। एक महत्वपूर्ण बात यह थी कि सभी बुजुर्ग प्रसन्नचित मिले। जिस का सीधा श्रेय वृद्धाश्रम की संचालिका श्रीमती अनुपमा सिन्हा और उनके सहयोगियों को जाता है। वह स्वयं एक बहुत निपुण और परिश्रमी महिला हैं जिस वजह से वह सभी का हर प्रकार से ख्याल रखती हैं।

बच्चों की उपस्थिति में ही वृद्धाश्रम में सरकारी अस्पताल से एक मनोचिकत्सक डॉक्टर गौरव का भी आगमन हुआ जिन्होंने बच्चों को देख कर उनके साथ भी विचार विमर्श किया और किशोरावस्था की तरफ बढ़ती उम्र में शारीरिक बदलाव और इस कारण मानसिक तनाव और पढ़ने और समझने में आने वाली समस्याओं के अलावा मोबाइल का सही उपयोग और उस के दुष्परिणाम के बारे में विस्तार से बताया ,जिस में उन्होंने पश्चिमी देशों में हो रहे शोध के बारे में बताते हुए कहा कि मोबाइल का नशा मस्तिष्क में वही केमिकल पैदा करता है जो एक हीरोइन या स्मैक लेने से पैदा होता है जिस से इस की लत लग जाती है। वृद्धाश्रम की एक खास बात यह थी कि वह आश्रम सांप्रदायिक सौहार्द का जीता जागता उदाहरण है जिसे एक हिंदू और एक मुसलमान ने अपनी जमीन दे कर एक जैसे नक्शे से बनवाया है और बीच में सीढ़ी से आने जाने की जगह भी है।वहां से विदा होने के बाद बच्चे लॉर्ड कर्नावालिस के मकबरे पर गए जहां उन्हें विद्यालय के डायरेक्टर डा० मसूद अहमद ने उस मकबरे के ऐतिहासिक महत्व को बताया।

 

गर्मी अधिक होने के कारण उन्हें दोपहर का भोजन करा कर जल्द वापिस लौटना पड़ा। बच्चों को वृद्धाश्रम ले जाने का असल उद्देश्य अपने माता पिता की सेवा और उन की महत्व को बताना था। जिसे उन्हें वृद्धाश्रम में ले जा कर भली भांति एहसास कराया गया।
विद्यालय के डायरेक्टर डा० मसूद अहमद के साथ विद्यालय के शिक्षक राधेश्याम यादव और हारून रशीद बच्चे और बच्चियों के साथ रहे। विद्यालय के बस ड्राइवर संतोष का सहयोग भी सराहनीय रहा।

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