तपते हुए मन को सत्संग ठंडक देता है-फलाहारी बाबा

तपते हुए मन को सत्संग ठंडक देता है-फलाहारी बाबा

गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के डीहवां दुर्गा मंदिर के परिसर में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में अयोध्या से पधारे मानस मर्मज्ञ भागवत वेत्ता श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री शिवराम दास जी फलाहारी बाबा ने उपस्थित श्रोताओं से श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य समझाते हुए कहा की
जन्मातरे भवेत् पुण्यं तदा भागवतं लभेत्। जन्म जन्मातंर युग युगातंर कल्प कल्पान्तर का पुण्य जब इकट्ठा होकर फलित होता है तब सत्संग भागवत कथा रूपी अलभ्य लाभ से जीव लाभान्वित होता है। तपते हुए मन को सत्संग ठंडक देता है कड़वी बोली को सत्संग मीठा बना देता है लोभ को रोक कर संतोष को बढ़ाता है। सत्संग के द्वारा असत्य को भी सत मार्ग में परिवर्तित किया जा सकता है। सत्संग वह ज्ञान है जो अज्ञान का हरण करता है। सत्य ज्ञान मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। सत्संग वह सूत्र है जो जीवन के हर समस्या में समाधान का रास्ता निकालता है। सत्संग और कथा हमारे जीवन में सूत्र का कार्य करता है।

 


डीहवां से सैकड़ो कलश यात्री फलाहारी बाबा के सानिध्य में मुहम्मदाबाद शाहनीन्दा होते हुए महादेवा घाट पहुंचे।जहां पर वैदिक विधि विधान से कलश पूजन के पश्चात कलश में गंगा जल लेकर सभी कलश यात्री वापस डीहवां आये।

इस कलशयात्रा में मुख्य यजमान राधेश्याम मिश्रा, विनोद कुमार गुप्ता ग्राम प्रधान शिवमंगल यादव,शशिधर उपाध्याय ,गोविंद उपाध्याय, मनोज उपाध्याय, राहुल उपाध्याय, हरि भजन कुशवाहा, दीपक कुशवाहा, राज किशोर सिंह,रामनारायण सिंह विनय मिश्रा समेत सैकड़ों की संख्या में पुरूष एवं महिला कलशयात्री शामिल रहे।

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