मोदी सरकार की कृषि क्षेत्र से 100 करोड़ लोगों को बेरोजगार करने की साज़िश :- राजेश राय पप्पू

देश में आंदोलनरत किसानों की मांगों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर दिनांक 7 दिसम्बर से शुरू हुए किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के मुहम्मदाबाद विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं प्रभारी राजेश राय उर्फ पप्पू के नेतृत्व में मुहम्मदाबाद विधानसभा पहाड़ी पुर ग्राम पंचायत के युवा कर्मठ जूझारू कार्यकर्ता सुरेन्द्र यादव के विद्यालय के परिसर में किसान चौपाल का आयोजन किया गया ।
इस चौपाल में अपने विचार व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के मुहम्मदाबाद विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं प्रभारी राजेश राय उर्फ पप्पू के ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को देश द्रोही व आतंकवादी कह रही है। यह मोदी योगी सरकार को मंहगा पड़ेगा । किसान अन्नदाता है, वह हमारी भोजन की थाली को सजाता है मगर मोदी सरकार किसानों का सम्मान न कर पूंजीपति मित्रों की थैली भरने का काम कर रही है । किसानों की थाली का अन्न पूंजीपतियों की थाली में सजा रही है। मोदी सरकार देश का किसान जब कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर हो तो समाजवादी पार्टी चुप कैसे बैठ सकती है । उन्होंने कहा कि इस किसान विरोधी काला कानून के चलते देश का किसान अपने ही खेतों में मजदूर होकर रह जाएगा । उसे पूंजी पतियों के इशारे पर ही फसल उगानी और काटनी होगी और उस फसल का दाम भी पूंजीपति ही तय करेंगे । उनके खेतों और फसलों पर पूरी तरह से पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा । इस किसान विरोधी काला कानून के चलते देश का किसान पूंजीपतियों और औद्योगिक घरानों का गुलाम बन कर रह जाएगा ।

देश की मोदी सरकार ने पहले सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंप कर और अब किसानों के खेतों को पूजी पतियों को सौंप कर देश को बहुराष्ट्रीय कंपनियों और औद्योगिक घरानों के हाथों में गिरवी रखने की साजिश रची है , उन्होंने कहा कि जिस दिन इस देश की कंपनियों ,सरकारी उपक्रमों और खेतों पर पूजी पतियों ,बहुराष्ट्रीय कंपनियों का कब्जा हो जाएगा हम आर्थिक रूप से गुलाम हो जाएंगे और जिस दिन हम आर्थिक रूप से गुलाम हो जाएंगे दुनिया की कोई भी ताकत हमें राजनीतिक रूप से गुलाम होने से नहीं रोक सकती । उन्होंने कहा इसी तरह व्यापार करने के बहाने ईस्ट इंडिया कंपनी इस देश में आई थी ,परिणाम क्या हुआ था, गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिए गए थे हम और उस गुलामी से मुक्ति पाने में इस देश को कितनी बड़ी कीमत अदा करनी पडी थी ,शायद देश अभी भूला नहीं होगा । उन्होंने तत्काल किसान विरोधी काला कानून वापस लेने की मांग किया ।
अंत में इस काले कानून के खिलाफ, धरना में सम्मिलित मरे हुए किसानों की आत्मा को शांति हेतु दो मिनट का मौन रखने का काम गया । किसान चौपाल में मुख्य रूप पूर्व जिला चेयरमैन रामधारी यादव पूर्व अध्यक्ष चंद्रमा जवाहर यादव राआऔतार शर्मा अंबिका यादव उपाध्यक्ष श्याम नारायण यादव छांगुर यादव मंगला यादव शिवपूजन यादव रविन्द्र सिंह यादव पूर्व प्रधान श्याम लाल राम शिवशंकर यादव अभय यादव काशी यादव अंबरीष दूबे शिवकुमार गायक विधि विशेषज्ञ शैलेंद्र यादव रामविलास यादव अतुल तिवारी इत्यादि लोग मौजूद थे । इस किसान चौपाल की अध्यक्षता हरिनारायण यादव (ब्यास जी ) व संचालन का कार्य रामनिवास यादव के द्वारा किया गया।