भोजपुरी भाषा 20 करोड़ भोजपुरियों के स्वाभिमान का प्रतीक

भोजपुरी भाषा 20 करोड़ भोजपुरियों के स्वाभिमान का प्रतीक
भाषा बोलियां के सरोकारों की महत्ता,गौरव, योगदान एवं उसको प्रचारित प्रसारित करने की मूल भावना के साथ उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,लखनऊ एवं सहयोगी संस्थान कमला ग्राम विकास संस्थान,प्रयागराज के सहयोग से आज वाराणसी में हुनर ए बनारस,बसनी,वाराणसी में एक विद्वत गोष्ठी,संवाद,चर्चा एवं काव्य पाठ का आयोजन किया गया।
प्रारंभ में कमला ग्राम विकास संस्थान के सचिव तथा भोजपुरी संगम पत्रिका के संपादक अजीत सिंह ने सभी अतिथियों का शाल,उपहार, स्मृति चिन्ह दे कर स्वागत एवं सम्मान किया और सम्मानित अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत्त शुभारंभ किया।
तत्पश्चात भोजपुरी संगम पत्रिका के एक विशेष अंक का लोकार्पण भी हुआ।
प्रथम वक्ता के रूप में प्रयागराज के सुप्रसिद्ध कवि डॉ श्लेष गौतम ने भोजपुरी की महत्ता उपादेयता एवं उसके सामाजिक सांस्कृतिक और साहित्यिक वैभव को रेखांकित करते हुए कई उदाहरणों से यह बात रखी की भोजपुरी ने सदैव ही अपने समय में चिंतन मनन किया है और समाज को नई दिशा दी है। एक से एक लेखकों साहित्यिक मनीषियों ने लोक कवियों ने सामाजिक विद्रूपता विडंबनाओ और विषमताओं को अपनी रचनात्मकता से रेखांकित किया और साथ ही साथ स्वाधीनता के आंदोलन में भी भोजपुरी साहित्य की बड़ी भूमिका रही और वह भूमिका आज भी है।अपने लेखन से समाज को सकारात्मक रूप से सही दिशा दिखाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है भोजपुरी।
उन्होंने कहा भोजपुरी हमारी सांस्कृतिक संचेतना का प्रतीक एवं गौरव है।
भोजपुरी संगम पत्रिका के संपादक एवं लोकविद् अजीत सिंह ने कहा कि आज पत्र पत्रिकाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका है भोजपुरी भाषा एवं उसके सांस्कृतिक सरोकारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए और आज भोजपुरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित और लोकप्रिय है और अपने समय को अपनी अभिव्यक्ति से भली भांति रेखांकित भी कर रही है।
लोक कवि एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्राध्यापक बनारस के डॉ धर्म प्रकाश मिश्रा ने भोजपुरी में साहित्यकारों एवं कवियों के योगदान पर विस्तृत चर्चा करते अपने भोजपुरी काव्य संग्रह हनुमत का काव्य पाठ किया और उसके तमाम प्रसंगों के माध्यम से जीवन के दर्शन को अभिव्यक्त किया और इसके साथ ही भोजपुरी के महान कवि चंद्रशेखर मिश्रा जी,कैलाश गौतम जी आदि की रचनाओं का उदाहरण भी दिया।
चंदौली से आए सुप्रसिद्ध भोजपुरी कवि मनोज द्विवेदी मधुर ने भोजपुरी में काव्य पाठ भी किया और भोजपुरी के साहित्य को समृद्ध एवं जनोपयोगी बताते हुए ऐसे कई उदाहरण दिए जो एक स्थापना की तरह आज भी स्वीकार्य है।
विशेष अतिथि जवाहर दुबे ने भी भोजपुरी की महत्ता पर अपने विचार रखें और उसके व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर भी बल दिया।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रयागराज से पधारे डॉ अनुराग सिंह ने भोजपुरी भाषा को साहित्य और संस्कृति का एक ऐसा सकारात्मक सेतु बताया जो अपनी परंपरा और इतिहास को अक्षय रखते हुए भविष्य के लिए एक मार्गदर्शक का काम कर रही है।
अजय कुमार सिंह जी ने सभी के प्रति अपना आभार ज्ञापित किया और उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान तथा कमला ग्राम विकास संस्थान के प्रयासों को हार्दिक रूप से सराहा।
समारोह का संचालन प्रयागराज से आए कवि डॉ श्लेष गौतम ने किया तथा समारोह की अध्यक्षता कमला ग्राम विकास संस्थान के सचिव अजीत सिंह जी ने किया।
कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्र से जुड़े तमाम महनीय लोगों की उपस्थिति रही।