जीवन में कभी अहंकार नहीं होना चाहिए-साध्वी साधना

जीवन में कभी अहंकार नहीं होना चाहिए-साध्वी साधना

गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के यूसुफपुर स्थित माता महाकाली मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन साध्वी साधना ने अपने मुखारविंद से उपस्थित श्रोताओं को ज्ञान भक्ति एवं वैराग्य की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि अहंकार विनाश का कारण है।अहंकार जीव को पतन की ओर लेकर जाता है।अहंकारी लोग कभी सफल नहीं होते हैं।त्रेता काल में प्रकांड विद्वान और शक्तिशाली रावण का अहंकार चूर हो गया था। प्रभु श्री राम को रावण का वध अहंकार के कारण ही करना पड़ा था।महाभारत काल में भी कौरवों के विनाश का कारण अहंकार ही था। नम्रता विनम्रता और सहीष्णुता व्यक्ति को सदैव शिखर पर ले जाती है। सहृदय व्यक्ति का आदर और सम्मान हर जगह है। पद एवं प्रतिष्ठा ईश्वर की विशेष कृपा पर प्राप्त होती है। इसका सुख भोगने वाले अक्सर अहंकार में आ जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब उनके मुकाबले कोई नहीं है।यही अहंकार उन्हें एक दिन घुटन में डाल देता है।भगवान इंद्र को भी पद प्रतिष्ठा एश्वर्य मिला तो अहंकार में हो गए तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पूजा कर उनके अहंकार को तोड़ा। साध्वी जीवन में कभी अहंकार नहीं होना चाहिए।इस अवसर पर ठाकुर प्रसाद तिवारी, निखिल वर्मा,आनंद वर्मा, तेज बहादुर यादव,थाना प्रभारी घनानंद त्रिपाठी,अर्पित तिवारी, पंकज तिवारी, राम भरोसे गुप्ता, मोतीचंद गुप्ता, पुजारी मुकेश जी समेत ढेर सारे श्रोता उपस्थित रहे।

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