तिरंगा ओढ़कर घर पहुंचा बागी बलिया का लाल पवन सिंह

तिरंगा ओढ़कर घर पहुंचा बागी बलिया का लाल पवन सिंह
शहादत पर जनसैलाब के साथ प्रकृति भी रोई
देश की सेवा में समर्पित पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश वार्डर पर ड्यूटी के दौरान शहीद बीएसएफ जवान पवन सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही पैतृक गांव पहुंचा, हजारों लोगों का हुजूम अपने लाल के दीदार को उमड़ पड़ा।
जिसको जहां जगह मिली, वहीं से अपने लाल की एक झलक पाने को बेचैन दिखा। कुछ छत पर तो कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गये। इस बीच, धरा से गगन तक ‘जब तक सूरज चांद रहेगा-पवन सिंह तेरा नाम रहेगा’, वंदे मातरम्, भारत माता की जय व पवन सिंह अमर रहे… इत्यादि नारा गूंजता रहा।
शहीद जवान का अंतिम संस्कार प्रधानपुर टोंस नदी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया, जहां आठ वर्षीय पुत्र शौर्य प्रताप सिंह ने मुखाग्नि दी। इस वक्त न सिर्फ टोंस की लहरे ठहर गयी, बल्कि हवाए भी कुछ पल के लिए ठिठक गयी। हृदय को झकझोर देने वाले इस दृश्य को देख घाट पर मौजूद हजारों की आंखों का कोर भींग गया।
रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के प्रधानपुर गांव निवासी पवन सिंह (37) पुत्र सुरेंद्र सिंह बीएसएफ में बतौर जवान तैनात थे। उनकी ड्यूटी जयंतीपुर बीओपी नार्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश वार्डर के कल्याणी जनपद अंतर्गत वनगांव में थी, जहां वे शहीद हो गये थे। शनिवार की शाम करीब साढ़े चार बजे शहीद जवान का शव पहुंचते ही घर-परिवार में कोहराम मच गया। तिरंगे में लिपटे जवान के पार्थिव शरीर को आम जन के दर्शनार्थ दरवाजे के बाहर रखा गया, जहां जनसैलाब ने अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की।
इससे पहले सैकड़ों की संख्या में बाइक सवार युवकों ने तिरंगे के साथ बाइक जुलूस निकालकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, राजकीय सम्मान के साथ शहीद को गार्ड ऑफ आनर की सलामी दी। प्रशासन की ओर से एसडीएम सदानंद सरोज, क्षेत्राधिकारी मो. फहीम कुरैशी, प्रभारी निरीक्षक रामायण प्रसाद सिंह ने श्रद्धासुमन अर्पित की। देर सायं प्रधानपुर स्थित टोंस नदी के किनारे पार्थिव शरीर पहुंचा, जहां पर मातमी धून के बीच जवानों ने गार्ड ऑफ आनर दी।