मऊ व आजमगढ़ के शूटरों ने की थी धनबाद बिजनेसमैन प्रवीण राय की हत्या,धीरज सिंह से थी व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता

मऊ व आजमगढ़ के शूटरों ने की थी धनबाद बिजनेसमैन प्रवीण राय की हत्या,धीरज सिंह से थी व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता
धनबाद में एक और हत्याकांड में पूर्वांचल के शूटरों का नाम सामने आया है। मऊ व आजमगढ़ के शूटरों ने झरिया की चासनाला साउथ कॉलोनी के सेलकर्मी व कोल ट्रांसपोर्टर प्रवीण राय की हत्या की थी।
धनबाद पुलिस की स्पेशल टीम प्रवीण की हत्या करनेवाले शूटर अमन यादव और पहलवान की तलाश में यूपी की खाक छान रही है। शुक्रवार को तीन आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा। एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता में धीरज सिंह ने अपने भाइयों समेत अन्य के साथ मिल कर साजिश रची और बाहर से शूटर बुलाकर प्रवीण राय की हत्या करा दी। पुलिस छानबीन में पता चला है कि प्रवीण राय ने पांच-छह लोगों के साथ मिलकर बंगाल के सलानपुर में एक आउटसोर्सिंग में ट्रांसपोर्टेशन के 240 करोड़ का टेंडर लिया था। यह काम लेकर वे कइयों की आंखों की किरकिरी बने थे। मुख्य आरोपी धीरज सिंह और प्रवीण राय के बीच पुरानी दुश्मनी थी। प्रवीण ने धीरज का बालू का धंधा बंद करा दिया था। पुलिस ने धीरज के भाई धर्मेंद्र सिंह, डिगवाडीह 12 नंबर निवासी धीमन सेनगुप्ता और पाथरडीह 11 नंबर मुगेरिया खटाल के पास रहनेवाले गौतम कुमार सिंह को जेल भेजा। एसएसपी ने बताया कि धर्मेंद्र ने हत्या की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। धीमन व गौतम प्रवीण से काम मांगने गए थे, लेकिन प्रवीण ने काम नहीं दिया। इसपर दोनों नाराज थे। उनकी नाराजगी का फायदा धीरज सिंह ने उठाया। मौके पर ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन, सिंदरी डीएसपी अभिषेक कुमार, इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह, रणधीर सिंह, सुभाष सिंह व प्रभात सिंह आदि उपस्थित थे।
हत्या के बाद धीमन ने शूटरों को रघुनाथपुर छोड़ा: जांच में पता चला कि जेल गए धीमन ने हत्याकांड के बाद गाड़ी से शूटरों को बंगाल के रघुनाथपुर ले जाकर छोड़ा था। वहीं गौतम सिंह ने शूटरों को अपने घर में पनाह दी थी। गौतम व धीमन डेको आउटसोर्सिंग के मधु सिंह को धमकाने और आउटसोर्सिंग में फायरिंग में जेल जा चुके हैं। भीमन पर मोटर चोरी और भूली ओपी में आर्म्स एक्ट की धारा में भी प्राथमिकी दर्ज है। 14 जून को इन दोनों सहित अन्य की मदद से शूटरों ने प्रवीण राय की रेकी की थी। प्रवीण को बचाने के प्रयास में होटल संचालक राज किशोर सिंह को भी गोली लगी थी। दो दिन पहले उनकी भी मौत हो गई थी। जानकारी मिली कि धीरज सिंह के रिश्तेदार ने शूटरों से धीरज का संपर्क कराया था। वह रिश्तेदार एक हत्या मामले में जेल भी जा चुका है। पुलिस उसे भी खोज रही है। हत्याकांड में पुलिस को अभिषेक दसौंधी, गोलू और कई अन्य की संलिप्तता का पता चला है।
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